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पुलिस छावनी में तब्दील रही पीयू

पटना : पटना यूनिवर्सिटी सोमवार को पूरी तरह पुलिस छावनी में तब्दील रहा. कई छात्र संगठनों की ओर से निकाले गये जुलूस को पुलिस ने रोकने के लिए काफी प्रयास किया. इसके बाद भी सायंस कॉलेज से छात्र संगठनों ने जुलूस निकाला. जानकारी पाकर सिटी एसपी, डीएसपी, कई थानों की पुलिस व रैफ के जवान […]

पटना : पटना यूनिवर्सिटी सोमवार को पूरी तरह पुलिस छावनी में तब्दील रहा. कई छात्र संगठनों की ओर से निकाले गये जुलूस को पुलिस ने रोकने के लिए काफी प्रयास किया. इसके बाद भी सायंस कॉलेज से छात्र संगठनों ने जुलूस निकाला. जानकारी पाकर सिटी एसपी, डीएसपी, कई थानों की पुलिस व रैफ के जवान पहुंचे. पुलिस से काफी नोक-झोंक हुई. जुलूस को पटना विवि गेट पर ही रोक दिया गया.

पुलिस के बढ़ते दबाव के बाद छात्र संगठनों ने पीयू गेट पर ही सभा का आयोजन किया. यह सभा एआइएसएफ, आइसा, जन अधिकार छात्र परिषद, द ग्रेट भीम आर्मी, एनएसयूआइ, एसएफआइ, एआइडीएसओ, छात्र रालोसपा, पीडीएसएफ और दिशा के बैनर तले हुई, जिसमें जामिया, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय व पूर्वोत्तर राज्यों में छात्रों पर हो रहे बर्बर दमन के खिलाफ और महिलाओं के साथ बढ़ते उत्पीड़न के खिलाफ आवाज बुलंद की गयी.
कानून वापसी तक जारी रहेगा विरोध
प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए एआइएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार ने कहा कि जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एवं पूर्वोत्तर के राज्यों में नागरिक संशोधन कानून(सीएए) के खिलाफ उमड़े जनाक्रोश को दबाने के लिए जिस तरह से पुलिसिया दमन जारी है, वह कहीं से सही नहीं है. आइसा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोख्तार ने कहा कि सरकार ने अपने ही देश के होनहारों के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है. कई जानें अभी तक जा चुकी हैं.
इसके साथ द ग्रेट भीम आर्मी के राष्ट्रीय संयोजक अमर आजाद, जन अधिकार छात्र परिषद के प्रदेश प्रधान महासचिव मंदीप गुप्ता, एसएफआइ के राज्य सचिवमंडल सदस्य पंकज वर्मा, एआइडीएसओ के निकोलाई शर्मा, एनएसयूआइ के खालिद, दिशा की वारुणी, पीडीएसएफ के राधेश्याम, छात्र रालोसपा के शिव प्रसाद ने एक स्वर में रविवार को हुए हिंसक झड़प की निंदा करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक आंदोलन में हिंसा की कोई जगह नहीं है.
हो त्वरित कार्रवाई
देश के अंदर महिलाओं के साथ बढ़ते बलात्कार एवं महिला उत्पीड़न पर रोक लगाने में यह सरकार विफल हुई है. सत्ता के संरक्षण में आरोपितों को बचाने का बेशर्म खेल जारी है. खासकर महिलाओं के साथ बढ़ते अपराधों के लिए त्वरित कार्रवाई करने की जरूरत है. सभी ने एक स्वर में महिला संगठनों के शांतिपूर्ण आंदोलन पर पुलिस दमन की निंदा की.
इसके साथ सभी छात्र संगठनों ने कहा कि 18 दिसंबर को पूरे बिहार में मशाल जुलूस निकालने के बाद 19 दिसंबर को बिहार बंद रखा जायेगा. कानून वापसी तक यह विरोध जारी रहेगा. इस दौरान सुधीर कुमार, रंजीत पंडित, राहुल रुद्र, सुभाष पासवान, अजय यादव, गौतम कुमार, रामजी यादव, प्राचीसहित सैकड़ों लोग मौजूद थे.

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