पटना: डीएम मनीष कुमार वर्मा ने अधिकारियों से लॉग बुक को सात दिनों पर तैयार करने का निर्देश दिया है. इससे यह जानकारी मिल पायेगी कि सप्ताह भर में कितने आवेदन आये व कितने का निबटारा हुआ. अब तक 30 दिनों पर लॉग बुक तैयार होता रहा है.
उन्होंने वरीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि अपने अधीनस्थ अधिकारियों से किसी मामले में रिपोर्ट नहीं प्राप्त होने पर दो स्मार पत्र भेजें, पहला हरा व दूसरा लाल. इसके बाद भी रिपोर्ट उपलब्ध नहीं होने पर उक्त पदाधिकारी के विरुद्ध प्रपत्र ‘क’ में आरोप गठित कर विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई का प्रस्ताव भेजें. वे सोमवार को सभी शाखा के कार्यालय प्रभारी पदाधिकारियों व प्रधान लिपिकों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने सार्वजनिक हित के कार्य को प्राथमिकता के तौर पर पूरा करने के लिए निर्देश दिया.
चेक लिस्ट जरूरी : डीएम ने काम के निष्पादन के लिए सभी कार्यालयों को चेक लिस्ट तैयार करने के लिए कहा. आवेदकों द्वारा दिये गये आवेदनों को चेक लिस्ट के अनुरूप जांच करें और जरूरतमंद कागजात की मांग करें, इससे उन्हें बार-बार कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि भूमि अजर्न में विलंब होने से योजना की लागत में वृद्धि व योजनाओं के कार्यान्वयन में परेशानी होती है. भू-अजर्न का कार्य समय सीमा के अंदर करें. प्रखंड के नोडल पदाधिकारियों को अनिवार्य रूप से आवंटित प्रखंड का पाक्षिक निरीक्षण करने के लिए कहा गया. निरीक्षण के क्रम में प्रखंड स्तर पर लंबित प्रतिवेदन तथा जन शिकायत से संबंधित जांच प्रतिवेदन की गंभीरता से जांच करें. दाखिल खारिज मामले की जांच की जाये. बैठक में सभी एडीएम सहित सभी प्रभारी पदाधिकारी व प्रधान लिपिक उपस्थित थे.