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सॉफ्टवेयर से आंगनबाड़ी केंद्रों की होगी मॉनीटरिंग

पटना : जिले के आंगनबाड़ी केंद्र डिजिटल होंगे. नये आइसीडीएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों की रियल टाइम मॉनीटरिंग हो पायेगी. गुरुवार को बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के सभागार में डीएम कुमार रवि ने आइसीडीएस-सीएएस सॉफ्टवेयर को लांच किया. इस दौरान पटना सदर-1 के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-6 की आंगनबाड़ी सेविका के मोबाइल फोन में […]

पटना : जिले के आंगनबाड़ी केंद्र डिजिटल होंगे. नये आइसीडीएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों की रियल टाइम मॉनीटरिंग हो पायेगी. गुरुवार को बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के सभागार में डीएम कुमार रवि ने आइसीडीएस-सीएएस सॉफ्टवेयर को लांच किया. इस दौरान पटना सदर-1 के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-6 की आंगनबाड़ी सेविका के मोबाइल फोन में आइसीडीएस-सीएएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से एक परिवार का सर्वे डाल कर इसका शुभारंभ किया गया.

इस सॉफ्टवेयर को पूरी तैयारी के साथ पटना जिले के प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र के लिए लागू किया जा रहा है. डीएम ने कहा कि जिले के सभी स्वीकृत 5,261 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए एंड्रॉइड मोबाइल फोन की आपूर्ति की गयी है. डीपीओ भारती प्रियंबदा ने बताया कि इन सभी मोबाइल फोन को आइसीडीएस निदेशालय के निर्देशानुसार आइसीडीएस, सीएएस के क्रियान्वयन के लिए तैयार कर दिया गया है.
डीएम ने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर सेविकाओं को आइसीडीएस-सीएएस सॉफ्टवेयर पर परिवार का सर्वे व रियल टाइम मॉनीटरिंग के लिए स्मार्टफोन दिया जायेगा. सभी आंगनबाड़ी सेविकाएं सीएएस पर खुद डाटा इंट्री करें. इस अवसर पर पटना जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर आइसीडीएस-सीएएस लागू करने के लिए नवप्रशिक्षित मास्टर प्रशिक्षकों को सर्टिफिकेट प्रदान किया गया.
मास्टर ट्रेनर की करायी गयी ट्रेनिंग
पटना जिले के 23 प्रखंडों के कुल 198 सेक्टरों के लिए चयनित कुल 198 मास्टर ट्रेनर के प्रथम फेज का प्रशिक्षण कराया गया है. इन्हें अब जिले के सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षित करना है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इन्फॉर्मेशन कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी द्वारा आइसीडीएस सेवाओं की रियल टाइम मॉनीटरिंग के लिए इस कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया है.
वेब आधारित इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से आइसीडीएस की सेवाओं की गुणवत्ता एवं पर्यवेक्षण तथा मूल्यांकन होगा. इससे वास्तविक समय में निगरानी (रियल टाइम मॉनीटरिंग) के आधार पर डाटा संकलन करना, किसी विशिष्ट गांव के पोषण स्थिति की मैपिंग करना तथा पोषण स्थिति के अंतराल को भरने के लिए त्वरित निर्णय लेना संभव होगा.

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