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पटना :पुआल बनेगा आमदनी का जरिया, दो कृषि विश्वविद्यालय करेंगे काम
पुआल जलाने के बदले कमाने का जरिया बनाने के लिए चलेगा अभियान पटना : पुआलों को खेतों में जलाने के बजाय किसानों के लिए कमाने का जरिया बनाया जायेगा. इसके लिए ज्ञान भवन में दो दिन तक चले सम्मेलन में देश-विदेश के वैज्ञानिकों के सुझावों से किसानों को अवगत कराया जायेगा. बाहर से आये किसानों […]
पुआल जलाने के बदले कमाने का जरिया बनाने के लिए चलेगा अभियान
पटना : पुआलों को खेतों में जलाने के बजाय किसानों के लिए कमाने का जरिया बनाया जायेगा. इसके लिए ज्ञान भवन में दो दिन तक चले सम्मेलन में देश-विदेश के वैज्ञानिकों के सुझावों से किसानों को अवगत कराया जायेगा.
बाहर से आये किसानों के अनुभवों को राज्य के किसानों तक पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जायेगा. मंगलवार को ज्ञान भवन में फसल अवशेष प्रबंधन के विषय पर दो दिवसीय सेमिनार के समापन के अवसर पर कृषि मंत्री डा प्रेम कुमार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने वाले विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, प्रगतिशील किसान, पदाधिकारियों ने अच्छा सुझाव दिया.
दो कृषि विश्वविद्यालय करेंगे काम
सम्मेलन में बताया गया कि सेमिनार की बातों व निष्कर्ष पर कृषि विभाग और राज्य के दो कृषि विश्वविद्यालय तथा एक पशु विज्ञान विश्वविद्यालय मिल कर बड़े पैमाने पर किसानों के क्षमता बढ़ाने का कार्य करेंगे. पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाले किसान चौपाल तथा अन्य विभागीय कार्यक्रमों में फसल अवशेष प्रबंधन पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा.
फसल अवशेषों को वर्मी खाद बनाने तथा दैनिक कार्यों के उपयोग में होने वाले उत्पादों के साथ-साथ फसल अवशेष के प्रबंधन से संबंधित यंत्रों की उपयोगिता के बारे में किसानों को प्रशिक्षित किया जायेगा. बिहार पशु विज्ञान महाविद्यालय किसानों को फसल अवशेषों से फॉडर ब्लॉक बनाने तथा फसल कटाई के बाद खेतों में भेड़-बकरी को चराने की परंपरा तथा उसकी विशेषता से होने वाले लाभ को प्रशिक्षण देगा.
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