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पटना : अफसरों की सुस्ती से कई प्रोजेक्टों पर काम धीमा
पटना-भागलपुर में विवाद, बिहारशरीफ- मुजफ्फरपुर में डीपीआर तक फंसा स्मार्ट सिटी का काम पटना : राज्य में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों को लेकर अफसर जितने दावे कर रहे हैं, काम की रफ्तार उतनी ही धीमी है. लगभग तीन वर्ष पहले स्मार्ट सिटी चयन में काम की लंबी लिस्ट तैयार हो गयी थी. लेकिन, अब कई प्रोजेक्टों […]
पटना-भागलपुर में विवाद, बिहारशरीफ- मुजफ्फरपुर में डीपीआर तक फंसा स्मार्ट सिटी का काम
पटना : राज्य में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों को लेकर अफसर जितने दावे कर रहे हैं, काम की रफ्तार उतनी ही धीमी है. लगभग तीन वर्ष पहले स्मार्ट सिटी चयन में काम की लंबी लिस्ट तैयार हो गयी थी. लेकिन, अब कई प्रोजेक्टों पर विवाद ने काम को धीमा कर दिया है.
पटना और भागलपुर में कंट्रोल एंड कमांड सेंटर निर्माण प्रोजेक्ट पर जांच चल रही है. मुजफ्फरपुर अौर बिहारशरीफ का काम प्रोजेक्टों के डीपीआर और वर्कऑर्डर से बाहर नहीं निकल रहा है. कुल मिलाकर मामला यह है कि भले ही स्मार्ट सिटी के लिए करोड़ों की योजनाएं स्वीकृत हो गयी हों पर अभी जमीनी स्तर पर कोई भी काम नहीं दिख रहा है.
पटना
पटना में 1017.60 करोड़ की लागत वाली 10 योजनाओं पर काम की शुरुआत हुई है. लेकिन, कई प्रोजेक्टों पर वर्कऑर्डर देने के बाद भी काम रफ्तार नहीं पड़ रहा है. मंदिरी नाला पर सड़क निर्माण के लिए छह माह से वर्कऑर्डर दिया जा चुका है. वीरचंद पटेल पथ को स्मार्ट रोड बनाने के लिए केवल डक बन रहा है. कई प्रोजेक्टों को स्मार्ट सिटी से बाहर कर दिया गया है. स्मार्ट रोड नेटवर्क बनाने का काम भी धीमा है. 15 अगस्त तक अदालतगंज तालाब निर्माण का काम अब धीमा पड़ चुका है.
बिहारशरीफ
बिहार शरीफ में 160 सड़कों में मुख्य सड़कों को स्मार्ट सिटी के तहत बनाया जा रहा है. पूरे शहर में 7200 एलइडी लाइट लगायी जा रही है. विभिन्न सड़कों पर डक-लाइन का निर्माण किया जा रहा है. छह वेंडिंग जोन का निर्माण किया जा रहा है. जबकि, 160 करोड़ की लागत से 17 योजनाओं की स्वीकृति दी गयी है. वहीं 398 करोड़ की लागत से 11 नयी योजनाओं का डीपीआर तैयार कर लिया गया है. लेकिन, वर्कऑर्डर देने की प्रक्रिया अभी चल रही है. यहां भी फाइल से काम आगे नहीं बढ़ रहा है.
भागलपुर
भागलपुर स्मार्ट सिटी योजना शुरू से ही विवादित रही है. प्रमंडलीय आयुक्त ने स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट पर विभाग में जांच के लिए लिख दिया है. जिसकी जांच चल रही है. 932 करोड़ वाली परियोजनाओं के डीपीआर बनाने के लिए पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के साथ अनुबंध किया गया है. जिसे दो माह में बनाना है.
मुजफ्फरपुर
379.57 करोड़ की 12 योजना निविदा होनी है. 142.10 करोड़ की तीन परियोजना और 64.64 करोड़ की लागत से तीन योजनाओं की निविदा फेल होने के कारण दोबारा निकाली जा रही है. इसके अलावा 6.74 करोड़ रुपये की लागत से दो योजनाओं का डीपीआर तैयार किया गया है, जबकि 166.01 करोड़ की लागत से चार परियोजनाओं की स्वीकृति के लिए भेजा गया है.
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