फुलवारीशरीफ : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना में दिव्यांगजनों के लिए बाधा रहित परिसर का निरीक्षण राज्य आयुक्त नि:शक्तता (दिव्यांगजन) की अध्यक्षता में किया गया. इस अवसर पर ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसॉर्डर पर एम्स, पटना की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया.
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दुनिया के विकास में ऑटिज्म पीड़ित की भूमिका अतुलनीय
फुलवारीशरीफ : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना में दिव्यांगजनों के लिए बाधा रहित परिसर का निरीक्षण राज्य आयुक्त नि:शक्तता (दिव्यांगजन) की अध्यक्षता में किया गया. इस अवसर पर ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसॉर्डर पर एम्स, पटना की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य आयुक्त नि:शक्तता, बिहार डॉ शिवाजी […]
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य आयुक्त नि:शक्तता, बिहार डॉ शिवाजी कुमार ने कहा की किसी भी तरह की दिव्यांगता अभिशाप नहीं है. दिव्यांगजन भी समान जन जैसा कार्य कर सकते हैं. हर व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि दिव्यांगजन भी समाज का ही हिस्सा हैं. ऑटिज्म पीड़ित माता-पिता को संबोधित करते हुए बताया की आपके बच्चे में असीम संभावनाएं हैं.
अब तक जितने भी शोध हुए या जितने भी उपकरण निर्मित हुए, उनमें ऑटिज्म पीड़ित लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. जरूरत इस बात की है कि उनमें मौजूद गुणों को समय पर परख कर कौशल विकास कराया जाये. इस समस्या से पीड़ित लोगों को उनके अभिभावकगण को भी विशेष ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है, ताकि वह अपने बच्चों की उचित देखरेख कर सकें.
डॉ कुमार ने राज्य में दिव्यांगजनों के लिए चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी एम्स, पटना के चिकित्सकों, प्रोफेशनल व विद्यार्थियों को दी. अपने संबोधन के बाद पूरे संस्थान में दिव्यांगों की सुगमता हेतु बाधा रहित परिसर का निरीक्षण किया. इस अवसर पर डॉ मनोज कुमार, मनोवैज्ञानिक ने विभिन्न विभागों के चिकित्सकों से समन्वय स्थापित कर दी जाने वाली सुविधाओं पर चर्चा की.
चिकित्सकों को मिल कर काम करना होगा
माता-पिता के साथ ग्रामीण इलाकों में भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक इसकी जागरूकता आवश्यक रूप से होनी चाहिए. सभी चिकित्सकों के इस पर मिल कर काम करने से समाज में इसका व्यापक असर होगा. आज के इस महत्वपूर्ण दौरे की अध्यक्षता में राज्य आयुक्त नि:शक्तता (दिव्यांगजन) बिहार द्वारा शिशु विभाग, मानसिक रोग विभाग, भौतिक चिकित्सा व पुनर्वास विभाग के विभागाध्यक्ष के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देशन दिये गये.
एम्स, पटना के निदेशक के साथ भी महत्वपूर्ण मीटिंग कर दिव्यांगजन के सर्टिफिकेट बनाने व एक ही दिन में किसी भी दिव्यांग को प्रमाणपत्र बनाने में मदद करने का अह्वान किया गया. इस अवसर पर बिहार के विभिन्न जिलों से प्रबुद्ध नागरिकों, कानूनविद्,मेडिकल स्टुडेंटस व पीड़ित व उनके अभिभावकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की.
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