36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मतभेद के बावजूद मनभेद नहीं रखते थे जेटली

पटना : पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की शनिवार को एसके मेमाेरियल में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बिहार से लेकर दिल्ली तक के एनडीए के नेताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित किये. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की राजनीति में एक दूसरे को मदद की यादों को साझा की. भाजपा के संगठन मंत्री नागेंद्र जी बोलते-बोलते रो […]

पटना : पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की शनिवार को एसके मेमाेरियल में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बिहार से लेकर दिल्ली तक के एनडीए के नेताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित किये. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की राजनीति में एक दूसरे को मदद की यादों को साझा की. भाजपा के संगठन मंत्री नागेंद्र जी बोलते-बोलते रो पड़े. लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने जेटली को भारत रत्न देने की मांग की. जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सांसद आरसीपी सिंह ने कहा कि उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यह होगी कि एनडीए को 2020 के विधानसभा चुनाव में 2010 से अधिक सीटें मिले.

सभा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहरीन में दिये गये संबोधन से हुई. सभागार में लगी स्क्रीन पर जेटली की पूरी जीवन यात्रा उकेर दी गयी थी. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेटली के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताते हुए कहा कि उनका जेटली से विशेष संबंध था. तबीयत खराब होने पर भी वह सक्रिय रहते थे. उनमें मधु दंडवते का रूप देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, अरुण जेटली से यह सीखना चाहिए कि मतभेद होने के बाद भी बातचीत जारी रखी जा सकती है.
उनकी भूमिका को मैं जीवन भर नहीं भूल सकता : मुख्यमंत्री
वर्ष 2005 में बिहार में दो विधानसभा चुनाव हुए थे, जेटली भाजपा के बिहार प्रभारी थे. उन दिनों उन्होंने जो साथ दिया, मुझे बिहार की सेवा करने का जो मौका मिला, उसमें उनकी भूमिका को मैं जीवन भर नहीं भूल सकता.
अरुण जेटली के बिना जीएसटी लागू होना संभव नहीं था
उनका व्यक्तित्व ऐसा था कि विरोध के बाद भी वीपी सिंह की सरकार ने उनको एएसजी बना दिया. जो दायित्व मिला भले ही वह चुनाव का ही क्यों न हो, उसे जीत कर पूरा किया. पार्टी-राजनीति का एजेंडा सेट करने वाले जेटली के बिना जीएसटी लागू होना संभव नहीं था.
सुशील मोदी, डिप्टी सीएम
लोजपा को लोस की छह व राज्यसभा की एक सीट जेटली ने ही दिलवायी
लोजपा को लोकसभा की छह, राज्यसभा की एक सीट दिलवाने में जेटली का हाथ था. यह अगस्त का महीना बड़ा ही क्रूर रहा. काल ने भाई रामचंद्र को छीन लिया. सुषमा स्वराज नहीं रहीं. जेटली भी चले गये.
रामविलास पासवान, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्री

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें