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पटना : इसी माह सरकार सौंप सकती है केंद्र को बाढ़ से हुई क्षति का मेमोरेंडम

18 अगस्त को सीएम करेंगे सभी डीम से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग कृषि विभाग ने आपदा प्रबंधन को भेजी रिपोर्ट पटना : राज्य के 13 जिलों में बाढ़ से हुई नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र को ज्ञापन साैंपने की तैयारी अंतिम चरण में है. 18 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बाढ़ व सूखे […]

18 अगस्त को सीएम करेंगे सभी डीम से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग
कृषि विभाग ने आपदा प्रबंधन को भेजी रिपोर्ट
पटना : राज्य के 13 जिलों में बाढ़ से हुई नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र को ज्ञापन साैंपने की तैयारी अंतिम चरण में है. 18 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बाढ़ व सूखे से संबंधित सभी विभागों की बैठक होगी.
बैठक में सभी डीएम से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये जिलों में हुई नुकसान की जानकारी ली जायेगी. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक बैठक के बाद केंद्र को सौंपे जाने वाले मेमोरेंडम को अंतिम रूप दे दिया जायेगा.
जानकारी के मुताबिक इसी महीने मेें केंद्र को ज्ञापन सौंप दिया जायेगा. इससे पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिवों ने जिलों का दौरा किया है. जिलों में अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ और सूखे से हुई क्षति का आकलन किया गया है. मंत्रिमंडल सचिवालय ने सभी प्रभारी मंत्रियों को प्रभार वाले जिलों की रिपोर्ट बुधवार तक सौंपने को कहा है. अधिकतर मंत्रियों ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है.
सबसे अधिक सीतामढ़ी व मधुबनी में हुई क्षति
बाढ़ से राज्य के 13 जिलों मुजफ्फरपुर, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, सुपौल, पूर्णिया, किशनगंज अररिया और कटिहार जिले में फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. कृषि विभाग के प्रारंभिक आकलन में इन 13 जिलों के 260962 हेक्टेयर में लगी फसल को बाढ़ से नुकसान पहुंचा है.
बाढ़ से धान, मक्का और गन्ना की फसल को नुकसान हुआ है. मुजफ्फरपुर जिले में 29442, पूर्वी चंपारण में 23076, पश्चिमी चंपारण में 11944 ,सीतामढ़ी में 40785, शिवहर में 13799, दरभंगा में 33524 मधुबनी में 38114 , सहरसा में 8377 सुपौल में 199, पूर्णिया में 15794 , अररिया में 24996 और कटिहार जिले में 20911 हेक्टेयर में लगी फसल को बाढ़ से नुकसान पहुंचा है.
सुखाड़ पर 18 को हो सकता है निर्णय
राज्य के एक बड़े हिस्से में सुखाड़ का खतरा भी मंडरा रहा है. मुख्यमंत्री ने 18 अगस्त को इसके लिए उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक बुलायी है. संभव है कि इस बैठक में सूखे की स्थिति पर कोई बड़ा निर्णय हो.
कृषि विभाग के मुताबिक बाढ़ से 2.60 लाख हेक्टेयर से अधिक में लगी फसल को नुकसान पहुंचा है. कृषि विभाग के प्रारंभिक आकलन में इससे 353 करोड़ का नुकसान हुआ है. कृषि विभाग ने आपदा प्रबंधन विभाग को फसल क्षति से हुए नुकसान से अवगत करा दिया है.
बाढ़ के कारण मधुबनी जिले की 1052 हेक्टेयर में बालू भर गया है. सबसे अधिक नुकसान सीतामढ़ी और मधुबनी जिले में हुआ है. कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार ने बताया कि बाढ़ से 353 करोड़ 37 लाख का नुकसान किसानों को हुआ है.
आपदा प्रबंधन विभाग को इससे अवगत करा दिया गया है. कुमार ने बताया कि मधुबनी में सिल्ट हटाने के लिए किसानों को 12200 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सरकार सहायता देगी. इस पर 1.28 करोड़ से अधिक का खर्च आयेगा. सीतामढ़ी से भी बालू भरने की जानकारी मिली है. पानी कम होने पर इसका आकलन हो पायेगा.

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