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पटना : प्रदेश में खुलेंगे 11 नये मेडिकल कॉलेज, 3660 करोड़ होंगे खर्च

आइसीसी कॉन 2019 में जुटे 100 से अधिक हृदय रोग विशेषज्ञ, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा पटना : इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि देश ने जितने इंजीनियर पैदा किये, उस तुलना में डॉक्टर नहीं बन पाये. यही कारण है […]

आइसीसी कॉन 2019 में जुटे 100 से अधिक हृदय रोग विशेषज्ञ, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा
पटना : इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि देश ने जितने इंजीनियर पैदा किये, उस तुलना में डॉक्टर नहीं बन पाये. यही कारण है कि देश में डॉक्टरों की कमी है. 2005 में जब उनकी सरकार पहली बार प्रदेश में सत्ता में आयी, यहां मात्र छह मेडिकल कॉलेज थे.
इस कमी को दूर करने के लिए सरकार प्रदेश में 11 नये मेडिकल कॉलेज खोलेगी, जिन पर 3660 करोड़ रुपये खर्च होंगे. मेडिकल काॅलेज में कैंपस सेलेक्शन भी होगा. हर मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग की पढ़ाई होगी. अगले एक साल में जीएनएम और पारा मेडिकल की पढ़ाई हर जिले में आरंभ होगी.
इससे पहले आॅर्गेनाइजिंग कमेटी के चेयरमैन डॉ प्रभात कुमार ने आइसीसी कॉन 2019 के पटना में आयोजन को एक बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि केरल के बाद बिहार देश का दूसरा राज्य है, जिसने अपने यहां इस तरह का आयोजन किया है. डॉ आरके अग्रवाल, डॉ एनआर विश्वास, डॉ प्रभात कुमार सिंह, डॉ यूसी सामल, डॉ बसंत सिंह, डॉ शंभु कुमार समेत 100 से अधिक हृदय रोग विशेषज्ञ उपस्थित थे.
हृदय रोग से बचना है तो कहें ‘नो हरी, नो वरी और नो करी’
भारत हृदय रोग और डायबिटीज की राजधानी बनते जा रहा है. इसको रोकने के लिए सरकार को कार्डियोलॉजिकल सोसायटी के साथ मिल कर लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाना होगा. पैदल चलना इस रोग से बचने में बहुत कारगर है और उससे मौत भी हार जाती है.
डॉ बीपी सिंह, विभागाध्यक्ष, कार्डियोलॉजी, आइजीआइएमएस
बदली जीवनशैली हृदय रोग के मामले बढ़ने की सबसे बड़ी वजह है. हृदय रोग से बचना है तो ‘नो हरी, नो वरी और नो करी’ को मंत्र बना लें अर्थात हर समय अनावश्यक भागदौड़ और हड़बड़ाहट में रहने से बचें, चिंता और तनाव से खुद को दूर रखें और अधिक वसायुक्त भोजन से बचें.
डॉ प्रभात कुमार, वाइस चेयरमैन,
मेडिका हार्ट इंस्टीच्यूट
रजोनिवृति के बाद महिलाआें में हृदय रोग की आशंका अधिक होती है क्योंकि हृदय में रक्त के थक्का को कम करने वाला हार्मोन उसके बाद निकलना बंद हो जाता है. अब महिलाओं ने शारीरिक श्रम करना भी कम कर दिया है. जिससे उनमें भी हृदय रोग के मामले बढ़े हैं.
डॉ एके झा, उपनिदेशक, आइजीआइसी
फास्ट फूड के कारण बच्चे मोटापा के शिकार हो रहे हैं. यह ट्रेंड जारी रहा तो वर्ष 2025 तक भारत में मोटे बच्चों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा होगी. मोटे बच्चों में कोलेस्ट्रोल की अधिकता होती है, जिससे वे कम उम्र में ही हृदय रोग के शिकार हो जाते हैं.
डॉ देवव्रत राय, नारायण हृदयालय , कोलकाता

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