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पटना सिटी : मरने के बाद भी निर्मला की आंखें देखेंगी दुनिया
मां के निधन के बाद बेटों ने की उनकी आंखें दान पटना सिटी : सामाजिक व आध्यात्मिक जीवन जीने वाली 78 वर्षीया निर्मला कांता जैन भले ही सांसारिक यात्रा पूरी कर इस दुनिया से विदा हो गयीं, लेकिन उनकी आंखें दुनिया देखेंगी. दोनों पुत्रों बड़े भाई अमरनाथ जैन व छोटे भाई अजय कुमार जैन ने […]
मां के निधन के बाद बेटों ने की उनकी आंखें दान
पटना सिटी : सामाजिक व आध्यात्मिक जीवन जीने वाली 78 वर्षीया निर्मला कांता जैन भले ही सांसारिक यात्रा पूरी कर इस दुनिया से विदा हो गयीं, लेकिन उनकी आंखें दुनिया देखेंगी.
दोनों पुत्रों बड़े भाई अमरनाथ जैन व छोटे भाई अजय कुमार जैन ने रविवार की रात्रि में मां की मृत्यु के बाद मातम मनाने के बदले सबसे पहले नेत्रदान कराने की प्रक्रिया आरंभ करायी. चौक थाना के समीप में रूकमिणी अपार्टमेंट में रहने वाले दोनों भाइयों ने बताया कि मां की मृत्यु के बाद उनकी इच्छा के अनुरूप परिवार की सहमति से नेत्रदान करने लिए डॉक्टरों को बुलाने का फैसला किया.
इसके लिए भारत विकास परिषद के प्रांतीय उपाध्यक्ष विवेक माथुर से इस नेक काम में सहयोग की बात कही. इसके बाद उपाध्यक्ष ने इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के नेत्र अधिकोष से संपर्क साधा. वहां से रविवार को ही डॉ विद्याभूषण के नेतृत्व में देर रात टीम पहुंची. इसके बाद टीम ने रात में ही नेत्रदान कराया. चिकित्सकों ने बताया कि मौत के छह घंटे बाद तक कॉर्निया निकाला जा सकता है. इससे मृतक के चेहरे पर किसी तरह का कोई निशान नहीं होता है.
आंख का बाहरी हिस्सा यथावत रहता है. परिजनों व उपाध्यक्ष ने कहा कि नेत्रदान को लेकर समाज में कई तरह की भ्रांतियां हैं, इसे दूर करना जरूरी है. नेत्रदान की वजह से दो नेत्रहीनों के जीवन में रोशनी आ सकती है. उनकी आंखों से वे दुनिया देख सकते हैं. भारत विकास परिषद नवजीवन शाखा के अध्यक्ष रहे अजय कुमार जैन बताते हैं कि जिस प्रकार त्वरित सेवा देते हुए अस्पताल से चिकित्सकों की टीम पहुंची, वह निश्चित तौर पर सराहनीय है. परिजनों ने कहा कि पीड़ित व जरूरतमंद को नेत्र व शरीर दान में मिल जाये, तो उसकी जिंदगी संवर सकती है.
इधर, लोग दोनों बेटों के इस निर्णय की सराहना कर रहे हैं. परिजनों ने सोमवार को उनका दाह- संस्कार किया. दूसरी ओर, भारत विकास परिषद में सभा कर मृतक निर्मला कांता जैन को श्रद्धांजलि दी गयी.
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