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थाने में तैनाती को बेदाग दारोगा और इंस्पेक्टरों की हो रही तलाश

पटना : पुलिस थाने में बेदाग छवि वाले अफसरों की तैनाती के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आदेश पुलिस मुख्यालय के लिए भारी पड़ने लगा है. पूरे राज्य के थाने में ऐसे ही बिना आरोप वाले दारोगा और इंस्पेक्टरों की तैनाती के लिए मुख्यालय बड़ी बेसब्री से उनकी पहचान कर रहा है. सालों की सेवा के […]

पटना : पुलिस थाने में बेदाग छवि वाले अफसरों की तैनाती के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आदेश पुलिस मुख्यालय के लिए भारी पड़ने लगा है. पूरे राज्य के थाने में ऐसे ही बिना आरोप वाले दारोगा और इंस्पेक्टरों की तैनाती के लिए मुख्यालय बड़ी बेसब्री से उनकी पहचान कर रहा है. सालों की सेवा के दौरान वर्दी पर जो दाग लगे हैं, उससे मौजूदा थानेदारों को अपनी कुर्सी जाने का डर सता रहा है.

जिलों में तैनात दारोगा और इंस्पेक्टरों में गंभीर आरोप में कोई लाइन हाजिर हो चुका है तो कोई निलंबित चल रहें. डीजीपी का आदेश है कि बेदाग छवि वाले ही अंचल निरीक्षक, थानेदार और अपर थानाध्यक्ष नियुक्त किये जाएं. इस फरमान से हजारों दारोगा और इंस्पेक्टर ‘साहब’ नहीं बन पायेंगे.
15 अगस्त से सभी थानों में अपराध नियंत्रण व विधि व्यवस्था तथा अनुसंधान विंग अलग-अलग हो जायेगी. बिहार में 1075 थाने व 225 आउट पोस्ट हैं. सभी थानों में थानेदार के अलावा अपर थानाध्यक्ष अनुसंधान व अपर थानाध्यक्ष विधि व्यवस्था की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गयी है. दागदार आउट पोस्ट प्रभारियों को भी हटाया जाना है. बिहार में करीब 1400 इंस्पेक्टर और 8700 दारोगा हैं.
इंस्पेक्टर-दारोगा के खिलाफ झूठी शिकायतें बहुत आती हैं
थानाध्यक्ष, अपर थानाध्यक्ष व ओपी प्रभारी के लिए हो रही 3447 इंस्पेक्टर-दारोगा की तलाश
अपराध नियंत्रण, विधि व्यवस्था तथा अनुसंधान विंग होंगे अलग-अलग
सूत्रों के अनुसार इनमें भी बीस फीसदी से अधिक अफसर कभी न कभी किसी-न-किसी आरोप से घिर चुके है. थानाध्यक्ष, अपर थानाध्यक्ष व ओपी प्रभारी के लिए करीब 3447 ऐसे इंस्पेक्टर-दारोगा चाहिए, जो शराबबंदी कानून के प्रति समर्पित रहे हो.
भ्रष्टाचार अथवा महिला उत्पीड़न आदि संगीन मामले में आरोपित न रहे हो. किसी भी मामले में विभागीय कार्यवाही न हुई हो. बिहार पुलिस एसोसिएशन के महामंत्री कपिलेश्वर पासवान का कहना है कि इंस्पेक्टर-दारोगा के खिलाफ झूठी शिकायत बहुत आती हैं.
वरिष्ठता के आधार पर तैनाती नहीं हुई, तो कई सीनियर अफसरों को जूनियर अफसर के अधीन काम करना पड़ेगा, यह ठीक नहीं होगा. एडीजी अपराध नियंत्रण व विधि व्यवस्था अमित कुमार के मुताबिक पुलिस महकमे में पर्याप्त संख्या में इंस्पेक्टर व दारोगा हैं, जिनकी छवि पूरी तरह स्वच्छ है.
नये अफसरों को मिलेगा मौका
सभी जिलों के एसपी-एसएसपी ने साफ छवि वाले पुलिस पदाधिकारियों को ही थानों और ओपी की जिम्मेदारी सौंपने के लिये बीच का रास्ता निकाल लिया है. पटना जोन के एक एसपी ने बताया कि वह अपने जिले में बेदाग इंस्पेक्टर आैर दारोगा की सूची तैयार करा रहे हैं. इनमें वरिष्ठता के आधार पर अंचल निरीक्षक से लेकर अपर थानाध्यक्ष तक की जिम्मेदारी दे दी जायेगी.

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