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टोल प्लाजा पर कैश वसूली पूरी तरह होगी बंद, वाहनों में फास्ट टैग लगाना होगा अनिवार्य, जानें

पटना : चार-पांच माह बाद टोल प्लाजा पर कैश वसूली पूरी तरह बंद हो जायेगी. इसके बाद सभी वाहनों के लिए फास्ट टैग अनिवार्य हो जायेगा. इसलिए वाहन मालिकों को इससे पूर्व ही अनिवार्य रूप से अपने वाहनों में फास्ट टैग लगवा लेना होगा. नहीं तो लंबा सफर करने के दौरान परेशानियों का सामना करना […]

पटना : चार-पांच माह बाद टोल प्लाजा पर कैश वसूली पूरी तरह बंद हो जायेगी. इसके बाद सभी वाहनों के लिए फास्ट टैग अनिवार्य हो जायेगा. इसलिए वाहन मालिकों को इससे पूर्व ही अनिवार्य रूप से अपने वाहनों में फास्ट टैग लगवा लेना होगा. नहीं तो लंबा सफर करने के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. पिछले दो साल से नये वाहनों में फास्ट टैग अनिवार्य है.
यही कारण है कि वाहन निर्माता कंपनियां पहले से ही फास्ट टैग लगाकर दे रही हैं. ऐसी स्थिति में अगर आपके पास दो साल से अधिक पुरानी गाड़ी है, तो अभी से तैयारी करना शुरू कर दें, क्योंकि टोल प्लाजा पर कैश नहीं स्वीकार किया जायेगा. फास्ट टैग सभी टोल प्लाजा या कुछ बैंकों सहित अन्य एजेंसियों के पास बिक्री के लिए उपलब्ध है. आवश्यक औपचारिकताएं पूरी होने के बाद फास्ट टैग खाता संख्या ग्राहक को आवंटित कर दिया जाता है.
यह टैग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से संचालित टोल प्लाजा पर गाड़ियों को बगैर रुके आगे बढ़ने देता है. फास्ट टैग एसबीआइ, एचडीएफसी, आइसीआइसीआइ सहित अन्य बैंकों के साथ ही पेटीएम, इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप व नेशनल हाइवे ऑथोरिटी के माइ फास्ट एप से भी एक्टिव कराया जा सकता है.
ऑनलाइन होता है रिचार्ज
फास्ट टैग जारी करनेवाली वेबसाइट पर जाकर इसे रिचार्ज किया जा सकता है. साथ ही टैग के खाता संख्या को नेट बैंकिंग के जरिये डेबिट, क्रेडिट और एनइएफटी के जरिये रिचार्ज कराया जा सकता है. बैंक और अन्य एजेंसियां 200 रुपये ज्वाइनिंग फीस के रूप में लेती हैं. इसके अलावा सिक्योरिटी मनी भी देनी होती है, जो हर वाहन के हिसाब से अलग-अलग होती है.
ये दस्तावेज हैं जरूरी
इसे खरीदते समय गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, वाहन मालिक का पासपोर्ट साइज फोटो, केवाइसी की ऑरिजिनल कॉपी होना अनिवार्य है.
आखिर क्या है फास्ट टैग
फास्ट टैग एक प्रकार का डिवाइस है, जो वाहनों में लगाया जाता है. टैग लगी गाड़ियां टोल प्लाजा पर पहुंचती हैं, तो इसमें लगे चिप से टोल प्लाजा पर लगी मशीन उसे रीड करती है, जिसके बाद टोल गेट खुल जाता है और टोल का निर्धारित शुल्क फास्ट टैग में जमा पैसे से काट लिया जाता है. एक बार एक्टिव होने के बाद इसे गाड़ी की विंड स्क्रीन पर चिपका दिया जाता है.

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