Advertisement
पटना : जिंदगी पर भारी पछुआ हवा, आफत में जान
पटना सहित दक्षिण-पश्चिम बिहार में धरातल से आसमान में सात किलोमीटर ऊंचाई तक बह रही गर्म पछुआ हवा राजदेव पांडेय पटना : पटना सहित दक्षिण-पश्चिम बिहार के आसमान में इन दिनों सात किलोमीटर ऊंचाई तक पछुआ हवा बह रही है. इस पछुआ के चलते हीट वेब (लू) की स्थिति बनी हुई है. यह हवा आम […]
पटना सहित दक्षिण-पश्चिम बिहार में धरातल से आसमान में सात किलोमीटर ऊंचाई तक बह रही गर्म पछुआ हवा
राजदेव पांडेय
पटना : पटना सहित दक्षिण-पश्चिम बिहार के आसमान में इन दिनों सात किलोमीटर ऊंचाई तक पछुआ हवा बह रही है. इस पछुआ के चलते हीट वेब (लू) की स्थिति बनी हुई है. यह हवा आम आदमी के ऊपर कहर बन कर टूट रही है.
इसकी वजह से पिछले 48 घंटों में सैकड़ों की संख्या में लोगों की लू की चपेट में आने से मौत हो गयी है. यह पछुआ हवा का ही कारनामा है कि आधी शताब्दी के बाद पटना शहर का तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. लगातार तीन दिन 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर (लगातार तीन से चार घंटे तक) तापमान का होना अभूतपूर्व है.
आइएमडी, पटना की आधिकारिक जानकारी के मुताबिक शनिवार और रविवार को पटना के आसमान में ‘फ्रीजिंग लेवल’ 10 किमी से ऊपर रहा. ‘ फ्रीजिंग लेवल ‘ वह वायुमंडलीय दशा है, जहां तापमान शून्य हो जाता है. इसकी वजह से बादलों का बनना बंद हो जाता है. इसकी वजह से थंडर स्ट्रॉम नहीं बह पा रहा और प्री-मॉनसून की बारिश नहीं हो रही है. आसमान में सामान्य ‘फ्रीजिंग लेवल’ 4-6 किलोमीटर होता है.
डिमांड बढ़ते ही जंक्शन से गायब हो गया है पीने का ठंडा पानी
पिछले एक सप्ताह से राजधानी में गर्मी की तपिश चरम पर है. तापमान 44 से 46 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया जा रहा है. इस गर्मी के तपिश में रेल यात्रियों की परेशानी काफी बढ़ गयी है. इसका वजह है कि पटना जंक्शन पहुंचने वाले यात्रियों को प्यास बूझाने को लेकर ठंडा पीने के पानी नहीं मिल रहा है.
इसका वजह है कि गर्मी की तपिश बढ़ने की जंक्शन पर पीने के पानी की डिमांड दो गुणा से अधिक हो गया है. इस डिमांड की वजह से जंक्शन पर लगाये गये वाटर कूलर पानी ठंड करना बंद कर दिया है. वहीं, आरआरसीटीसी के वाटर वेंडिंग मशीन से भी यात्रियों को ठंडा पीने के पानी नहीं मिल रहा है.
पानी लेने वालों की नल और वेंडिंग मशीन के समीप बढ़ी है भीड़
गर्मी बढ़ने से यात्रियों के शरीर से पसीना अधिक निकल रहा है. पसीना निकलने से प्यास भी लग रहा है. यात्री प्यास बुझाने के लिए नल दर नल ठंडा पानी की तलाश कर रहे है. लेकिन, ठंडा पानी नहीं मिल रहा है. वहीं, वेंडिंग मशीन से भी ठंडा पानी यात्रियों को नहीं मिल रहा है.
मजबूरन, यात्रियों को ठंडा पानी पीने के लिए पांच रुपये की जगह 15 रुपये खर्च करने पड़ रहे है. हालांकि, जंक्शन पर लगाये गये नलों व वेंडिग मशीन के पास पानी लेने वाले यात्रियों की भीड़ काफी बढ़ गयी है. रेलवे अधिकारी बताते है कि जंक्शन पर जगह-जगह वाटर कूलर मशीन लगाये गये है. लेकिन, कूलिंग क्षमता से अधिक पानी लिया जा रहा है. इससे नॉर्मलपीने के पानी मिल रहा है.
पिछले सारे रिकाॅर्ड तोड़ देगा पटना का जून माह का न्यूनतम तापमान
न अभी आधा गुजरा है. इसका औसत या न्यूनतम तापमान अभी तक 39़ 89 डिग्री सेल्सियस है, जबकि शेष 15 दिन बाकी हैं. आइएमडी, पटना के मुताबिक एक दो दिन थंडर स्टोर्म (आंधी-पानी) के बाद तक समूचे जून में अभी अच्छी-खासी गर्मी रहनी तय है. इससे पहले 1969 में औसत न्यूनतम तापमान 36़ 34 रहा था. इस तरह पटना के औसत तापमान में तीन डिग्री का इजाफा हुआ है.
पक्षियों पर भी कहर
जिंग लेवल’ की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सामान्य तौर पर आसमान में साढ़े छह डिग्री सेल्सियस तापमान प्रति किमी घट जाता है. पिछले 48 घंटे से आसमान में प्रति किमी तापमान घटने की दर तीन डिग्री सेल्सियस रह गयी है. आसमान में गर्म पछुआ हवा का घनत्व कहीं अधिक है.
पछुआ हवा के इस प्रचंड रुख ने न केवल आम जनजीवन को मुसीबत में डाला है, बल्कि बे-जुबान पक्षियों के जीवन पर घातक असर डाला है. पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक आदमी अपना बचाव करने में सक्षम है. लेकिन, पक्षियों की दशा बुरी होगी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement