सृजन हॉस्पिटल के कर्मचारी की हत्या कर 12 लाख की लूट का मामला
पैसे नहीं देने पर अपराधियों ने मार दी थी गोली
बैंक ऑफ बड़ौदा के गेट पर 2 अप्रैल को हुई थी घटना
पटना : डॉ हिमांशु राय के सृजन हॉस्पिटल के कर्मचारी पुरुषोत्तम मिश्र की हत्या कर 12 लाख की लूट के मामले का पुलिस ने परदाफाश कर दिया है. यह घटना केंद्रीय विद्यालय, कंकड़बाग के पास स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के गेट पर दो अप्रैल को हुई थी. पुलिस ने इस घटना में शामिल दो अपराधियों मुन्ना मल्लाह उर्फ मिरचाई गोप (नयागांव, गायघाट) व दीपक कुमार (पटना कॉलेज, यादव लाइन गली, पीरबहोर) को गिरफ्तार किया.
उनके पास से लूटे गये 30 हजार नकद, एक देसी पिस्टल व पांच कारतूस बरामद किये गये. हालांकि, सरगना भूषण शेराफिल उर्फ भूषण जोसेफ, सोनू व एक अन्य फरार है. दीपक व सोनू सगे भाई हैं. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि इस घटना को पांच अपराधियों ने अंजाम दिया था, जिनमें से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है.
पांच अपराधी थे शामिल : एक माह की लगातार रेकी के बाद भूषण शेराफिल ने अपने चार साथियों के साथ मिल कर घटना को अंजाम दिया था. ये सभी घटना के दिन सोनू व दीपक के यादव गली लेन स्थित खटाल में जुटे थे. वहां सभी ने शराब पी. इसके बाद भूषण ने दीपक को आगे भेजा और वे सभी मुन्नाचक चौराहे पर पहुंच गये. दीपक को यह जिम्मेवारी मिली थी कि वह अस्पताल पहुंचने के बाद पुरुषोत्तम के निकलते ही सूचना देगा और अपना ऑटो लेकर राजेंद्रनगर गोलंबर पर इंतजार करेगा. हरी झंडी मिलते ही भूषण व सोनू अस्पताल पहुंच गये.
लेकिन, रास्ते में कहीं भी लूटने का मौका नहीं मिला, तो उनका पीछा करते हुए बैंक ऑफ बड़ौदा के गेट पर पहुंच गये. जैसे ही पुरुषोत्तम मिश्र ने अपनी गाड़ी बंद कर बैग लेकर आगे बढ़ने का प्रयास किया, ये लोग बैग छीनने लगे. पुरुषोत्तम ने विरोध किया, तो भूषण व सोनू ने गोली मार दी. फिर वे सभी अपराधी पैदल ही राजेंद्रनगर गोलंबर पहुंचे, जहां दीपक ऑटो लेकर खड़ा था. सभी यादव लेन गली स्थित खटाल पहुंचे और पैसों का बंटवारा किया. मुन्ना मल्लाह की मानें, तो वह ऑटो से नहीं गया था. वह पैदल ही पहुंचा था, जिसके कारण उसे कम पैसे ही मिले थे.
वीडियो फुटेज ने खोला राज : पुलिस ने राजेंद्रनगर गोलंबर पर लगे सीसीटीवी के वीडियो फुटेज को खंगाला, तो ऑटो से तीन युवकों के एक बैग लेकर चढ़ने की बात सामने आयी. बैग की अस्पताल प्रशासन से पहचान कर ली.
पुलिस ने हॉस्पिटल में लगे कैमरे के 15 दिनों के वीडियो फुटेज को खंगाला. उसमें हॉस्पिटल के गेट व पुरुषोत्तम मिश्र के केबिन के बाहर एक युवक लाल शर्ट में दिखा. उस शर्ट का कलर एक अपराधी से मिल रहा था. पता चला कि वह दीपक है, जो हॉस्पिटल के एंबुलेंस चालक सोनू का भाई है. सोनू व दीपक दोनों ही घटना के बाद से गायब थे. इसके बाद पुलिस यादव लेन गली पर नजर रखने लगी. दीपक बिहार से बाहर चला गया था, जहां से बुधवार की रात लौटा. पुलिस ने उसे पकड़ लिया गया. उसकी निशानदेही पर मुन्ना मल्लाह भी पकड़ा गया.