24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पांच दशकों से महिला जनप्रतिनिधि को तरस रहा पटना

प्रमोद झा पटना :राजनीतिक दलों की ओर से महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की लगातार वकालत की जाती है. लेकिन, चुनाव में उनकी उम्मीदवारी की बात आते ही राजनीतिक दल किंतु-परंतु कर पल्ला झाड़ लेते हैं. पिछले पांच दशक के आम चुनाव इसके प्रमाण हैं कि राजधानी पटना किसी महिला जनप्रतिनिधि को तरस गयी. […]

प्रमोद झा

पटना :राजनीतिक दलों की ओर से महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की लगातार वकालत की जाती है. लेकिन, चुनाव में उनकी उम्मीदवारी की बात आते ही राजनीतिक दल किंतु-परंतु कर पल्ला झाड़ लेते हैं. पिछले पांच दशक के आम चुनाव इसके प्रमाण हैं कि राजधानी पटना किसी महिला जनप्रतिनिधि को तरस गयी. प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा महिला को उम्मीदवार बनाये जाने की शायद अहमियत नहीं समझी गयी.

यही वजह रही कि पटना की दोनों सीटों पाटलिपुत्र व पटना साहिब से जीत कर अब तक सिर्फ चार बार महिला संसद तक पहुंची हैं. पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में राजद ने पाटलिपुत्र से मीसा भारती को उम्मीदवार बनाया था. लेकिन, वह भाजपा के रामकृपाल यादव से चुनाव हार गयी थीं. इस बार लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र से राजद ने मीसा भारती को उम्मीदवार बनाया है. जबकि, पटना साहिब में प्रमुख राजनीतिक दलों ने महिला उम्मीदवारों पर शायद भरोसा नहीं होने की वजह से चुनाव में नहीं उतारा है.

पहले लोकसभा चुनाव में महिला ने मारी थी बाजी

1952 के चुनाव में पटना पूर्व से कांग्रेस की महिला उम्मीदवार तारकेश्वरी सिन्हा ने बाजी मारी थी. उन्होंने सोशलिष्ट पार्टी के देवेंद्र प्रसाद सिंह को हराया था. पहले लोकसभा चुनाव में राजधानी पटना की चार संसदीय सीटों में पटना पूर्व के अलावा पाटलिपुत्र, पटना मध्य व पटना सह शाहाबाद सीटें थीं.

अन्य तीनों सीटों पर पटना मध्य से कैलाशपति सिन्हा, पाटलिपुत्र से सारंगधर सिन्हा व पटना सह शाहाबाद से बलराम भगत चुनाव जीते थे. इसके बाद 1957 के दूसरे चुनाव में फिर तारकेश्वरी सिन्हा ने बाढ़ संसदीय क्षेत्र से जीत दर्ज की. उन्होंने प्रजा सोशलिष्ट पार्टी के राम लखन चंदापुरी को हराया. इस चुनाव में केवल दो सीटें बाढ़ व पटना ही रही. पटना सीट से सारंगधर सिन्हा जीते.

बाद के चुनावों में नहीं मिली कामयाबी

1967 के बाद हुए 12 चुनावों में कुछ को छोड़ राजधानी की दोनों सीटों से महिलाएं उम्मीदवार तो बनीं, लेकिन विजय पताका नहीं फहरा सकीं. छह चुनावों 1977,1984, 1989, 1991,2004 व 2009 के दौरान प्रमुख राजनीतिक दलों की महिला उम्मीदवार नहीं रहीं. 2008 में परिसीमन के बाद पाटलिपुत्र व पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र बना. 2014 के चुनाव में राजद के टिकट पर मीसा भारती चुनाव लड़ीं़ वह 40322 वोटों के अंतर से भाजपा के रामकृपाल यादव से हार गयीं.

तीसरे चुनाव में बना रिकाॅर्ड

1962 का तीसरा आम चुनाव राजधानी पटना के लिए असरदार रहा. चुनाव में पटना व आसपास की दोनों सीटों से महिला सांसद बनीं. बाढ़ से कांग्रेस की तारकेश्वरी सिन्हा 55़ 87 प्रतिशत व पटना से कांग्रेस की रामदुलारी सिन्हा 44़ 89 प्रतिशत वोट प्राप्त कर जीत हासिल कीं.

फिर 1967 के चौथे चुनाव में बाढ़ संसदीय सीट से कांग्रेस के टिकट पर चौथी बार लड़ी तारकेश्वरी सिन्हा तो चुनाव जीत गयीं, लेकिन पटना से कांग्रेस की प्रत्याशी रही रामदुलारी सिन्हा भाकपा के उम्मीदवार रामअवतार शास्त्री से हार गयीं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें