पटना : भाकपा के राष्ट्रीय सचिव के. नारायणा ने रविवार को जनशक्ति भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि कॉरपोरेट घरानों के दबाव में सीपीआइ और सीपीएम को महागठबंधन से बाहर रखा गया है.
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काॅरपोरेट के दबाव में महागठबंधन से बाहर हुआ सीपीआइ व सीपीएम
पटना : भाकपा के राष्ट्रीय सचिव के. नारायणा ने रविवार को जनशक्ति भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि कॉरपोरेट घरानों के दबाव में सीपीआइ और सीपीएम को महागठबंधन से बाहर रखा गया है. ये चाहते थे कि कन्हैया समेत वामपंथ का कोई किसी तेज तर्रार नेता संसद में नहीं पहुंचे. पीएम सिर्फ कॉरपोरेट […]
ये चाहते थे कि कन्हैया समेत वामपंथ का कोई किसी तेज तर्रार नेता संसद में नहीं पहुंचे. पीएम सिर्फ कॉरपोरेट के चौकीदार हैं. कॉरपोरेट घरानों ने तेलंगाना, आंध्र, आेडिशा आदि राज्यों में भी वाम दलों को अलग रखने का काम किया गया है.
केंद्र व राज्यों में गैर कम्युनिस्ट सरकार आये, इसको लेकर काॅरपोरेट घराने रणनीति के तहत देश में काम कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कन्हैया ही गरीबों व मध्यम वर्ग और सेक्यूलर ताकतों का चौकीदार है. उन्होंने कहा कि सीपीआइ पूरे देश में 43 सीट पर चुनाव लड़ रही है. बिहार की तीन सीटों में बेगूसराय, मधुबनी एवं मोतिहारी हैं.
अंबानी समेत कोई भी पूंजीपति घराना वामपंथी नेताओं को मैनेज नहीं कर सका है, इसलिए वे हमें अलग-थलग करना चाहते हैं. बिहार में जिन सीटों पर वाम दल चुनाव लड़ रहे हैं, उनको छोड़ कर शेष सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशियों को समर्थन दिया जायेगा.
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