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नंदकिशोर को बोलने से रोका, तो भाजपा ने किया हंगामा

नंद किशोर यादव व वित्त मंत्री विजेंद्र यादव ने एक दूसरे को दी ‘देख लेने’ की चुनौती पटना : खाद्य सुरक्षा पर हुई विशेष बहस पर मंत्री के जवाब के बाद जब प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव को वित्त मंत्री विजेंद्र यादव ने रोका, तो भाजपा के सभी विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे. […]

नंद किशोर यादव व वित्त मंत्री विजेंद्र यादव ने एक दूसरे को दी ‘देख लेने’ की चुनौती

पटना : खाद्य सुरक्षा पर हुई विशेष बहस पर मंत्री के जवाब के बाद जब प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव को वित्त मंत्री विजेंद्र यादव ने रोका, तो भाजपा के सभी विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे. हंगामा कर रहे भाजपा विधायकों ने खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक के खिलाफ नारे लगाये. हंगामे के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष ने शुक्रवार तक के लिए सदन की बैठक को स्थगित कर दिया.

खाद्य सुरक्षा पर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक के जवाब से असंतुष्ट प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव जब बोलने को उठे, तब वित्त मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने उन्हें यह कह कर बोलने से रोका कि अब वह नहीं बोल पायेंगे, क्योंकि बहस का समय समाप्त हो चुका है. हालांकि बार-बार नंदकिशोर यादव अपनी बात कहने का प्रयास करते रहे, फिर भी उन्हें नहीं बोलने दिया गया. इस बीच विजेंद्र यादव और नंदकिशोर यादव के बीच काफी तीखी बहस हुई. दोनों नेता एक दूसरे को ‘फरिया लेने’ तक की बात कहने लगे.

मामला इतना गरम हो गया कि दोनों पक्षों को शांत कराने के लिए जब मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बोलने लगे, तो उनकी भी कोई सुनने को तैयार नहीं हुआ. सीएम बार-बार दोनों पक्षों से शांत होने की अपील करते रहे. संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार भी बार-बार कहते रहे कि नियमों के तहत सरकार हर सवाल का जवाब देने को तैयार है. सरकार सदन को शांति से चलाना चाहती है, पर उनकी अपील भी बेमानी रह गयी.

हंगामे पर प्रतिक्रिया

उत्तेजना में नहीं आये विपक्ष

बिहार विधानसभा में सत्ता पक्ष व विपक्ष की तकरार से मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आहत दिखे. उन्होंने पक्ष व विपक्ष के विधायकों को समझाने की कोशिश की, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी. विधानसभा से निकलने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे बरताव को लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं मानते. हम अच्छा सुझाव देने के लिए खड़े हुए थे, लेकिन हमारी बात किसी ने नहीं सुनी. विपक्ष को सदन में शांति से चलना चाहिए. उत्तेजना में नहीं आना चाहिए. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि जनतंत्र में ऐसी कार्रवाई उचित नहीं है और ना ही स्वीकार है.

मैदान में उतरने को तैयार

सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक व संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार कहा कि विपक्ष नियम-परंपरा के साथ चलना ही नहीं चाहती. जिस प्रकार सदन में विपक्ष द्वारा असंसदीय भाषा का प्रयोग किया जा रहा है.महादलित व खाद्य-आपूर्ति मंत्री श्याम रजक के खिलाफ जिस प्रकार शब्दों का प्रयोग किया गया और सदन के अंदर व बाहर जदयू-राजद के संबंध को जिस प्रकार से बताया गया. यह कहीं से भी शोभनीय नहीं है.

मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि विपक्ष मॉनसून सत्र के पहले दिन से ही चाह रही है कि सदन की कार्यवाही नहीं चले. सदन की कार्यवाही नियम व परंपरा से चलती है, लेकिन वे इसका पालन नहीं कर रहे हैं. जिस प्रकार से विपक्ष ने सदन के वेल पर उतर कर नारेबाजी की, ऐसा नहीं होना चाहिए था. ऐसा ही होता रहा तो हम भी अपने सदस्यों व विधायकों को कहेंगे कि वे भी मैदान में उतर जाये. सदन में विपक्ष की मनमानी नहीं चलने देंगे.

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