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पटना : लोकसभा चुनाव के बाद ही पंचायत कार्यालयों की जांच
पटना : राज्य की पंचायतों को क्रियाशील बनाये रखने के लिए पंचायती राज विभाग द्वारा पंचायत कार्यालयों के जांच की व्यवस्था की है. यह प्रावधान इसलिए किया गया है वहां पर दस्तावेजों का सही तरीके से रखरखाव किया जाये. साथ ही पंचायत के नागरिकों से संबंधित जानकारियों और समस्याओं का निबटारा किया जाये. पंचायत कार्यालयों […]
पटना : राज्य की पंचायतों को क्रियाशील बनाये रखने के लिए पंचायती राज विभाग द्वारा पंचायत कार्यालयों के जांच की व्यवस्था की है. यह प्रावधान इसलिए किया गया है वहां पर दस्तावेजों का सही तरीके से रखरखाव किया जाये.
साथ ही पंचायत के नागरिकों से संबंधित जानकारियों और समस्याओं का निबटारा किया जाये. पंचायत कार्यालयों में उपलब्ध पंजियों और योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जा सके. इस कार्य के लिए अधिकारियों की नियमित जांच का कार्यक्रम भी निर्धारित किया गया. लोकसभा चुनाव के कारण अब पंचायत कार्यालयों की जांच ठप पड़ जायेगी.
पंचायती राज विभाग द्वारा पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए और वित्तीय अनुशासन व योजनाओं के नियमानुकूल कार्यान्वयन के लिए विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों द्वारा कार्यालयों के निरीक्षण कर परामर्श देने की व्यवस्था की गयी है. विभाग द्वारा यह व्यवस्था की गयी है कि प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी द्वारा हर माह में कम से कम दो पंचायतों और एक वर्ष के अंदर हर ग्राम पंचायत का एक बार निरीक्षण किया जाना है.
इसी प्रकार हर माह बीडीओ को कम-से-कम एक ग्राम पंचायत का निरीक्षण किया जाना है. जिला पंचायती राज पदाधिकारी को तीन माह में कम से कम दो ग्राम पंचायतों के जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
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