पटना: निगरानी की विशेष अदालत ने गया के तत्कालीन खनन निरीक्षक श्याम नारायण सिंह की संपत्ति जब्त करने का निर्देश दिया है. वह आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में आरोपित हैं. साथ ही पत्नी ज्ञानती देवी की भी 47 लाख 15 हजार 299 रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त करने का भी आदेश दिया है. विशेष अदालत ने पटना के डीएम को निर्देश दिया है कि एक माह में अगर श्याम नारायण सिंह और उनकी पत्नी अपनी संपत्ति को जिला प्रशासन के समक्ष सरेंडर नहीं करते हैं, तो उसे जब्त करने की कार्रवाई शुरू की जाये. हालांकि अदालत ने श्याम नारायण सिंह को फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करने की भी अनुमति दी है.
शिकायत पर हुई थी कार्रवाई : गया के तत्कालीन खनन निरीक्षक श्याम नारायण सिंह के खिलाफ 14 अप्रैल,2011 को गया के जिला प्रशासन में एक शिकायत दर्ज करायी गयी थी. उनकी संपत्ति को उनकी वास्तविक आय से कई गुना अधिक बताया गया था. शिकायत पर जब उसकी जांच हुई, तो निगरानी ने पाया कि 1982 में सरकारी सेवा में आये श्याम नारायण सिंह ने 2011 तक करीब 49 लाख 42 हजार रुपये की चल और अचल संपत्ति आय के वास्तविक स्नेत से अधिक अर्जित की है. खनन निरीक्षक ने गया की एपी कॉलोनी में तीन मंजिला मकान, पटना के फुलवारीशरीफ के समीप धनौत गांव में 3687 वर्ग फुट जमीन व पटना के ही आलमगंज थाना क्षेत्र के संदलपुर में 2856 वर्ग फुट जमीन खरीदी. घर की तलाशी में 14 लाख 93 हजार रुपये नकद के साथ दो बैंक खातों में क्रमश: आठ लाख और तीन लाख रुपये की जमा राशि का पता चला. निगरानी ने अदालत में खनन निरीक्षक और उनकी पत्नी के नाम 49 लाख 42 हजार रुपये की संपत्ति जब्त करने का मामला दायर किया था, लेकिन अदालत ने खनन निरीक्षक को दो लाख रुपये से भी अधिक राशि की रियायत दे दी.
इन अधिकारियों की जब्त हो चुकी है संपत्ति
नारायण मिश्र (पूर्व डीजीपी) बिहार, एसएस वर्मा (पूर्व सचिव) लघु जल संसाधन विभाग, गिरीश कुमार (पूर्व ट्रेजरी सहायक) पटना, डीएन चौधरी (पूर्व निदेशक) राजभाषा विभाग, रघुवंश कुंवर (पूर्व एमवीआइ) औरंगाबाद, योगेन्द्र कुमार सिंह (पूर्व हेड क्लर्क) गया नगर निगम, अनिल कुमार (सहायक आयुक्त) वाणिज्य कर विभाग.
इनकी संपत्ति भी लगी है दावं पर : वाइके जायसवाल (पूर्व औषधि नियंत्रक) बिहार, स्व. कालिका प्रसाद सिंह (पूर्व उपाध्यक्ष) पीआरडीए, श्रीकांत प्रसाद (कार्यपालक अभियंता) ग्रामीण कार्य विभाग औरंगाबाद.