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पटना : रजिस्टर टू और ऑनलाइन के रिकॉर्ड में हो गया अंतर

अनिकेत त्रिवेदी पटना : जिले के पटना सदर प्रखंड में दाखिल-खारिज को लेकर नयी परेशानी खड़ी हो गयी है. एक सितंबर से ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने के बाद रजिस्टर टू और ऑनलाइन के रिकॉर्ड में अंतर आ गया है. इसको लेकर पटना सदर डीसीएलआर शशि शेखर के कार्यालय में ऐसी 200 से अधिक शिकायतें दर्ज […]

अनिकेत त्रिवेदी
पटना : जिले के पटना सदर प्रखंड में दाखिल-खारिज को लेकर नयी परेशानी खड़ी हो गयी है. एक सितंबर से ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने के बाद रजिस्टर टू और ऑनलाइन के रिकॉर्ड में अंतर आ गया है. इसको लेकर पटना सदर डीसीएलआर शशि शेखर के कार्यालय में ऐसी 200 से अधिक शिकायतें दर्ज करायी गयी हैं. लोगों के जमीन के दाखिल-खारिज कराने के बाद जो ऑपरेटर रसीद काटने के लिए ऑनलाइन डाटा अपलोड कर रहे हैं, उसमें नामों का डाटा गड़बड़ हो गया. उदाहरण के लिए किसी के जमीन के मालिकाना हक में रजिस्टर में लिखे नाम और ऑनलाइन रिकॉर्ड में लिखे नाम में अंतर आ जा रहा है.
सदर प्रखंड में कुल आठ हलका में बांट कर पूरे शहर की जमीनों के दाखिल-खारिज का काम किया जाता है. इसमें पटना सिटी का शहरी क्षेत्र भी आता है. ऐसे में सदर प्रखंड में प्रत्येक दिन दर्जनों की संख्या में ऑनलाइन आवेदन किये जाते हैं. फिलहाल स्थिति यह है कि हलका तीन में 123 मामले, पांच में 78, सात में 23, छह में दो मामले और हलका चार और एक को मिला कर 50 से अधिक मामले कई माह से लंबित हैं.
डीएम के निर्देश पर जांच शुरू
मामला जिलाधिकारी कुमार रवि के पास पहुंचने के बाद उनके निर्देश पर पटना सदर और पटना सिटी के डीसीएलआर ने सदर अंचल कार्यालयों में कागजों की पड़ताल शुरू कर दी है. इस क्रम में शनिवार को रिकॉर्डों को खंगाला गया और कुछ कागजात साथ भी ले गये. कागजातों की जांच के बाद पता लगेगा कि इस तरह की गड़बड़ी कैसे हुई और दोषी कौन है.
आम लोगों को परेशानी न हो, तथा रिकॉर्ड की गड़बड़ियों को ठीक किया जाये, इसके लिए संबंधित पदाधिकारियों को सदर प्रखंड कार्यालय भेजा गया था. इसके अलावा वहां कंप्यूटर और संसाधनों को और उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं, ताकि तेजी से गड़बड़ियों को दूर किया जा सके.
—कुमार रवि, डीएम, पटना
सीओ व अंचल कर्मियों में विवाद ने बढ़ायी परेशानी
इधर, सीओ सदर को लेकर उनके ही कर्मचारियों ने डीएम से शिकायत कर दी है. कर्मियों ने अपने लिखित शिकायत में कहा है कि सीओ काम करने के बजाय बात बनाते हैं. कर्मियों के प्रति उनका व्यवहार भी ठीक नहीं हैं.
कर्मियों का आरोप है कि इसके कारण ही कार्यालय में दो कर्मियों का निलंबन हुआ है. इसके अलावा सीओ के काम नहीं करने के कारण मामले के निष्पादन में देरी होती है. इससे आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं दूसरी तरफ सीओ प्रदीप कुमार सिन्हा के अनुसार दलालों पर कार्रवाई करने से कर्मियों को परेशानी हो रही है. कुल मिला कर सदर अंचल कार्यालय में कर्मियों व सीओ के बीत ही शह और मात का खेल चल रहा है.

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