पटना : पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव को लेकर सियासत तेज होती जा रही है. चुनाव आचार संहिता होने के बावजूद जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और पटना यूनिवर्सिटी के वीसी से मुलाकात का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एक तरफ जहां भाजपा के कई नेता राजधानी के पीरबहोर थाना में धरना दे रहे हैं. वहीं, अब इस लड़ाई में केंद्रीय मंत्री और रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी उतर गये हैं. कुशवाहा ने ट्वीट कर प्रशांत किशोर पर निशाना साधा है. हालांकि, उन्होंने अपने ट्वीट में प्रशांत किशोर का नाम नहीं लिया है.
माननीय मुख्यमंत्री जी,
आनेवाली पीढ़ी कैसे विश्वास करेगी कि आप भी उसी विश्वविद्यालय के छात्र रहें हैं ?#PUSU_Electioin pic.twitter.com/XYQw1eUZUH
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushRLJD) December 4, 2018
रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने अपने ट्वीट में लिखा है- "गौरवशाली पटना विश्वविद्यालय का पूर्व छात्र हूं. विश्वविद्यालय की गरिमा व छात्रों की छवि धूमिल होते देखना दुखद है. जनाब! छात्रसंघ चुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर ‘पुलिस- प्रशासन- विश्वविद्यालय’ सबको दंडवत करा दिया. इतनी फजीहत कराकर जीत भी गये तो प्रधानमंत्री बन जायेंगे? छात्रसंघ का चुनाव छात्रों का है. PU के छात्र- छात्रायें मासूम व संवेदनशील हैं, उन्हें बख्श दें. छात्रों को राजनीतिक स्वार्थ में गुमराह कर उनके भविष्य से खिलवाड़ न करें. छात्रों के बीच वैचारिक द्वंद्व को आपराधिक रंग देना ठीक नहीं. लिंगडोह रिपोर्ट की धज्जियां उड़ाई जा रही है. छात्र संघ चुनाव में सत्ता व सत्ताधारी दल की ताकत का महादुरुपयोग व्यक्ति के अहंकार की पराकाष्ठा है. ऐसा अहंकार तो इतिहास में हमेशा ही सर्वनाश का कारण साबित हुआ है.
इससे पहले एबीवीपी के एक कार्यकर्ता रवि किरण को हिरासत में रखे जाने के विरोध में मंगलवार को आयोजित धरने में शामिल भाजपा के स्थानीय विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने प्रशांत पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने और पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव को प्रभावित करने के लिए कुलपति सहित इस चुनाव से जुडे़ सभी पदाधिकारियों पर अपने उम्मीदवार के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की. एबीवीपी के इस धरना में शामिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा के स्थानीय विधायक नितिन नवीन ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से पांच दिसंबर को होने जा रहे पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के निष्पक्ष और पारदर्शी रहने तथा कानून तोड़ने को लेकर प्रशांत किशोर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. नवीन ने इस मामले को लेकर कल देर शाम एक प्रतिनिधिमंडल के साथ कुलाधिपति और राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की थी.
दूसरी ओर, बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद के वरिष्ठ नेता और विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि प्रशांत किशोर की मुलाकात का छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों द्वारा विरोध किया जा रहा है पर जदयू के साथ बिहार में सत्ता में शामिल भाजपा को यह तय करना है कि प्रदेश में प्रशांत किशोर की चलेगी या सरकार की चलेगी. वहीं जदयू के प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ने प्रशांत किशोर का बचाव करते हुए कहा कि वे छात्र संघ चुनाव से जुड़े मामले को लेकर नहीं, बल्कि कुलपति से अनुमति लेकर उस विश्वविद्यालय परिसर में प्रस्तावित भूकंप प्रबंधन केंद्र को लेकर बातचीत करने गये थे. सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर को जदयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाये जाने पर कुछ लोगों को बैचेनी है जिसकी दवा उनके पास नहीं है. वैसे भी, जदयू का जनाधार लगातार बढ़ने से कुछ लोग परेशानी महसूस कर रहे हैं.
गौरतलब हो कि पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन, सोमवार की देर शाम को जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर की इस विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात का छात्र संगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने विरोध किया है. पटना विश्वविद्यालय के कुलपति से प्रशांत किशोर ने कल देर शाम, उनके आवास पर मुलाकात की. इस मुलाकात का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ABVP सहित विभिन्न छात्र संगठनों ने जमकर विरोध किया और प्रशांत के काफिले में शामिल वाहनों पर पथराव किया. वहां मौजूद पुलिस ने एबीवीपी के कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था.