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पटना : पारिवारिक बंटवारे में मात्र 100 रुपये देकर करा सकेंगे रजिस्ट्री
सुमित कुमार निबंधन विभाग ने संशोधित प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा पटना : पारिवारिक संपत्ति बंटवारे को लेकर होने वाले विवादों से निबटने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा जल्द मूर्त रूप लेगी. मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे में रजिस्ट्री शुल्क में बड़ी छूट का संशोधित प्रस्ताव तैयार कर […]
सुमित कुमार
निबंधन विभाग ने संशोधित प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा
पटना : पारिवारिक संपत्ति बंटवारे को लेकर होने वाले विवादों से निबटने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा जल्द मूर्त रूप लेगी. मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे में रजिस्ट्री शुल्क में बड़ी छूट का संशोधित प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट को भेज दिया है.
उम्मीद है कि कैबिनेट की अगली बैठक में इस पर मुहर लग जाये. प्रस्ताव स्वीकृत होने पर ऐसे आवेदकों को रजिस्ट्री के लिए महज टोकन राशि देनी होगी. यह टोकन राशि 100 या 500 रुपये हो सकती है.
वर्तमान में पारिवारिक संपत्ति बंटवारे में संपत्ति के एक हिस्से पर एमवीआर का आठ फीसदी (6+2) रजिस्ट्री शुल्क लगता है. मसलन अगर दो भाइयों में संपत्ति का बंटवारा होता है, तो संपत्ति के दूसरे बड़े हिस्से पर लागू होने वाले एमवीआर की आठ फीसदी स्टॉप ड्यूटी सरकार को जमा करानी होती है. नयी व्यवस्था होने पर एकमुश्त मात्र 100 या 500 रुपये देकर दोनों भागों की रजिस्ट्री पूरी हो सकेगी.
भूमि विवाद में अायेगी कमी, अन्य राज्यों के लिए भी होगा मॉडल
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अधिकतर आपराधिक घटनाओं के पीछे जमीन या संपत्ति विवाद कारण होता है. अधिक राशि लगने के डर से पारिवारिक संपत्ति की रजिस्ट्री नहीं होती, जो बाद में चल कर बड़े विवाद का कारण बन जाती है. पारिवारिक बंटवारे की रजिस्ट्री में टोकन शुल्क प्रभावी होने पर लोगों को आधिकारिक प्रक्रिया का पालन करने में भी परेशानी नहीं होगी. बंटवारा आधिकारिक प्रक्रिया अपनाकर हुआ तो विवाद भी कम होगा. यह बिहार की तरफ से देश के अन्य राज्यों के लिए एक नया मॉडल भी होगा.
लोक संवाद में सीएम को मिला था सुझाव
पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे में रजिस्ट्री का शुल्क समाप्त करने या टोकन राशि लेने का सुझाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके कार्यक्रम लोक संवाद में मिला था. नौ जुलाई, 2018 को आयोजित कार्यक्रम में किसी व्यक्ति ने मुख्यमंत्री को इसकी परेशानी समझाते हुए ऐसे मामलों में रजिस्ट्री शुल्क समाप्त करने की मांग रखी थी.
इसके तत्काल बाद मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग को इस आशय का प्रस्ताव देने का निर्देश दिया था. विभाग ने पिछली बार 1000 रुपये टोकन शुल्क निर्धारित करने का प्रस्ताव दिया था, जो नामंजूर कर दिया गया. इसके बाद दोबारा से संशोधित प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा गया है.
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