पटना : बिहार पुलिस में सिपाहियों की प्रोन्नति का पैमाना बदलेगा. इसको लेकर पुलिस मुख्यालय बड़े पैमाने पर कवायद शुरू कर चुका है. सिपाही को सहायक अवर निरीक्षक (एएसआई) से पहले हवलदार बनना होगा. इसके बाद एएसआई में प्रोन्नति मिलेगी. इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति बन गयी है.
पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार फिलहाल बिहार पुलिस में दो तरह के सिपाही हैं-मैट्रिक पास साक्षर सिपाही और नॉन मैट्रिक असाक्षर सिपाही. जो साक्षर सिपाही हैं, उन्हें विशेष प्रशिक्षण (पीटीसी ट्रेनिंग) के बाद सीधे एएसआई में तरक्की दी जाती है, जबकि असाक्षर सिपाहियों को हवलदार में प्रोन्नति देने का नियम है. नयी व्यवस्था के लागू होने के बाद सभी सिपाहियों को एएसआई बनने से पहले हवलदार बनना होगा.
उधर, 2004 के बाद से सिपाही के पद पर नॉन मैट्रिक की बहाली बंद हो गयी है. उस वक्त से जितने सिपाही बहाल हुए हैं, उनकी योग्यता कम-से-कम मैट्रिक रही है. फिलहाल सिपाही के लिए इंटर पास होना अनिवार्य है.
चूंकि अब बिहार पुलिस में असाक्षर सिपाहियों की बहाली नहीं हो रही, ऐसे में वर्तमान नियम के तहत सभी योग्य सिपाहियों को एएसआई में प्रोन्नति मिलनी चाहिए. ऐसा हुआ तो असाक्षर सिपाहियों के नहीं होने की सूरत में कोई हवलदार नहीं बन पायेगा.
इससे वर्षों से चला आ रहा पुलिस का परंपरागत ढांचा ही बिगड़ जायेगा. सिपाहियों की प्रोन्नति को लेकर काफी पहले पुलिस मुख्यालय ने सरकार को प्रस्ताव भेजा था. मुख्यालय के वरीय अधिकारी के मुताबिक सिपाहियों को पहले हवलदार में प्रोन्नति देने और उसके बाद एएसआई बनाने के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति बन गयी है.
जल्द ही इसे मूर्त रूप दे दिया जायेगा. हवलदार और एएसआई के वेतनमान में भी अंतर हो जायेगा. अभी यह लगभग बराबर है. वर्तमान में अनुसूचित जाति एवं जनजाति कोटे से 2003 तक के बहाल सिपाहियों की पीटीसी ट्रेनिंग हो गयी है. वहीं सामान्य व अन्य वर्गों से जुलाई, 1999 तक के बहाल सिपाही एएसआई बन चुके हैं.
यह है कारण
वर्तमान में नाॅन मैट्रिक सिपाहियों को हवलदार और मैट्रिक पास सिपाहियों को सीधे एएसआई में प्रमोशन मिलता है. 2004 के बाद से नॉन मैट्रिक सिपाहियों की बहाली बंद हो गयी है़ उस वक्त से जितने सिपाही बहाल हुए हैं, वे कम-से-कम मैट्रिक पास हैं. ऐसे में सभी योग्य सिपाहियों को एएसआई में प्रोन्नति मिलनी चाहिए. ऐसा हुआ तो नॉन मैट्रिक सिपाहियों के नहीं होने की सूरत में कोई हवलदार नहीं बन पायेगा.