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पटना : 500 लेकर कोरे कागज पर लगाया अंगूठा और गाली देने का आरोप लगा महिला को भेजा जेल

एससीएसटी-एक्ट का दंश. दलित को मोहरा बना कर बेटी को भिजवाया जेल पटना : एससी-एसटी एक्ट में हाल ही में हुए संशोधन की चर्चा अभी थमी भी नहीं है कि उसके दुरुपयोग का एक ताजातरीन घटनाक्रम सामने आ गया है. ताजातरीन घटनाक्रम में महिला और उसके पति पर एक दलित ने जातिसूचक शब्द का प्रयोग […]

एससीएसटी-एक्ट का दंश. दलित को मोहरा बना कर बेटी को भिजवाया जेल
पटना : एससी-एसटी एक्ट में हाल ही में हुए संशोधन की चर्चा अभी थमी भी नहीं है कि उसके दुरुपयोग का एक ताजातरीन घटनाक्रम सामने आ गया है. ताजातरीन घटनाक्रम में महिला और उसके पति पर एक दलित ने जातिसूचक शब्द का प्रयोग व मारपीट करने का आरोप लगा दिया.
इस घटनाक्रम में महिला को जेल भी जाना पड़ा. अलबत्ता केस में अहम मोड़ तब आया, जब पता चला कि युवती के पिता ने ही दलित को पांच सौ रुपये देकर केेेस दर्ज करवाया है. इस बात की स्वीकारोक्ति केस के फरियादी बने दलित ने खुद अपने बयान में की है. युवती ने भी अपने पिता को इस पूरे मामले का सूत्रधार बताया है. जानकारों के मुताबिक सच्चाई यह है कि बेटी और पिता के बीच एक संपत्ति विवाद चल रहा है. अपनी ही बेटी को उलझाने के लिए पिता ने एससी-एसटी एक्ट लगवाने के लिए एक दलित का इस्तेमाल किया.
फिलहाल एक बाप ने एक दलित को मोहरा बना कर अपनी बेटी व दामाद के खिलाफ मारपीट व एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया है. इस केस में एस मिश्रा की बेटी सोनी देवी एक अक्टूबर को जेल गयी थीं. वे पांच दिनों बाद जमानत पर छूटी हैं.
चार जून को हुआ था केस दर्ज
जक्कनपुर थाने के चिरैयांटांड़ इलाके की रहने वाली महिला सोनी देवी व अन्य के खिलाफ एससी-एसटी थाने में चार जून को केस दर्ज किया गया था. यह केस दलित वर्ग के रूपसपुर के चुल्हाईचक निवासी महेश मांझी ने दर्ज कराया था, लेकिन जब सोनी देवी के परिजनों ने केस करने वाले महेश मांझी से पूछताछ की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आये. महेश मांझी के बयान की रिकॉर्डिंग भी उनके परिजनों ने की.
उक्त वीडियो में महेश मांझी यह जानकारी दे रहा है कि उससे केस करवाया गया है. आवेदन में क्या लिखा गया था, इस बात की उसे जानकारी नहीं है. उसे एससी-एसटी थाने में ले जाया गया था और वहां एक कागज पर उससे अंगूठे का निशान ले लिया गया. इसके बाद उसे पांच सौ का नोट देकर घर भेज दिया गया.
क्या कहती हैं सोनी देवी
सोनी देवी व उसकी बहन ने बताया कि उसके खिलाफ चुल्हाई चक, रूपसपुर निवासी महेश मांझी ने चार जून को एससी-एसटी थाने में मारपीट व एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था.
इसमें उसके साथ ही उसकी अन्य बहनों व बहनोई को भी आरोपित बनाया गया था. इसमें यह आरोप लगाया गया था कि उन लोगों ने उनके साथ मारपीट की और घर का सारा सामान सड़क पर फेंक दिया. इसके साथ ही जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगाया गया.
इस केस के मामले में पुलिस टीम एक अक्टूबर को उनके घर पर पहुंची और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. उन पर जो आरोप लगाया गया, वह सब गलत था. इसके बाद महेश मांझी से पूछताछ की गयी तो उसने खुद यह जानकारी दी कि उसके पिता एस मिश्रा उसे एससी-एसटी थाने में ले गये थे और उन्होंने ही उन लोगों पर केस दर्ज करवाया है. महेश मांझी ने खुद ही स्वीकार किया कि उससे आवेदन पर अंगूठे के निशान लिये गये थे और पांच सौ रुपये देकर घर भेज दिया गया था.
सोनी ने बताया कि महेश मांझी पूर्व से ही मेरे पिता को जानता था. इसके पूर्व भी उसके पिता उन लोगों के खिलाफ गलत केस दर्ज करवा चुके हैं. उन मामलों में वे लोग जमानत ले चुके हैं. उन्होंने एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग किया और उन लोगों के खिलाफ एससी-एसटी थाने के पुलिसकर्मियों से मिलीभगत कर केस दर्ज करवा दिया.

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