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पटना : ‘वित्तीय अनियमितता पर कठोर कार्रवाई करें कुलपति’
राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन ने कुलपतियों को भेजा पत्र पटना : राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन ने सितंबर माह के दौरान विभिन्न कॉलेजों में हुए भौतिक निरीक्षण के दौरान पायी गयी वित्तीय अनियमितताओं के विरुद्ध कुलपतियों को सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि वित्तीय अनियमितता के ठोस मामलों को पूरी […]
राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन ने कुलपतियों को भेजा पत्र
पटना : राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन ने सितंबर माह के दौरान विभिन्न कॉलेजों में हुए भौतिक निरीक्षण के दौरान पायी गयी वित्तीय अनियमितताओं के विरुद्ध कुलपतियों को सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि वित्तीय अनियमितता के ठोस मामलों को पूरी गंभीरता से लिया जाना चाहिए तथा संबंधित दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. कुलाधिपति के निर्देश पर राज्यपाल सचिवालय ने सभी कुलपतियों से कहा कि विभिन्न कॉलेजों में रोकड़ बही का अद्यतन नहीं रहना वित्तीय अनियमितता का ही दृष्टांत माना जाता है.
ऐसी परिस्थिति में जांच के दौरान पायी गयी त्रुटियों के निराकरण के लिए शीघ्र कार्रवाई की जाये. किसी भी वित्तीय अनियमितता को हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. राज्यपाल सचिवालय ने महाविद्यालयों में जांच-कार्य आगे भी तत्परतापूर्वक संचालित करने को कहा है.
कॉलेजों ने रोकड़-बही नहीं किया अपडेट
जांच प्रतिवेदन में पाया गया है कि पटना विश्वविद्यालय के साइंस कॉलेज, वाणिज्य कॉलेज एवं पटना कॉलेज में रोकड़ बही अपडेट नहीं हो पाया है.
बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के अंतर्गत पार्वती विज्ञान महाविद्यालय, मधेपुरा में 18.90 लाख रुपया अग्रिम मद में तथा 12.53 लाख रु असमायोजित राशि बतायी गयी है. इसी विश्वविद्यालय के लक्ष्मीनाथ कॉलेज, सरहसा में रोकड़ बही में लंबित राशि की विवरणी अंकित नहीं है, कमलेश्वरी विन्देश्वरी महिला कॉलेज, मधेपुरा की रोकड़ बही में भी वर्ष 2016-17 तक ही दर्जगी है. लंबित राशि की विवरणी अंकित नहीं है.
मुंगेर विवि के कॉलेजों में वाउचर समायोजित नहीं : मुंगेर विश्वविद्यालय के अधीन आरडी एवं डीजे कॉलेज मुंगेर, बद्रीनारायण मुक्तेश्वर कॉलेज बड़हिया एवं एसकेआर कॉलेज, बरबीघा, शेखपुरा में जांच के दौरान वाऊचर्स समायोजित नहीं पाये गये हैं.
जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के अंतर्गत जांच के दौरान राजेंद्र कॉलेज, छपरा में रोकड़ बही दिसंबर, 2015 तक ही अपडेट पायी गयी. बीडीएसएमएम कॉलेज, छपरा में भी रोकड़ बही, अग्रिम तथा असमायोजित वाउचर्स के बारे में सूचना नहीं दी गयी है. कमला राय कॉलेज, गोपालगंज में भी जांच जरूरी बतायी गयी है.
अरबी-फारसी विवि की भी हुई जांच
मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के अंतर्गत फातिमा डिग्री कॉलेज, गोनपुरा, फुलवारीशरीफ की जांच में रोकड़ बही, अग्रिम एवं असमायोजित वाउचर्स के बारे में कोई भी सूचना नहीं दी गयी.
इसी तरह, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के अधीन आरपीएम कॉलेज, पटना सिटी में भी रोकड़ बही का समुचित संधारण नहीं पाया गया है. कॉमर्स कॉलेज में रोकड़ बही मार्च 2017 तक, जबकि एएन कॉलेज, पटना में मार्च, 2015 तक ही अद्यतन रूप से संधारित है. इन दोनों में राशि–समायोजन की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है. मगध कॉलेज चंडी, नालंदा में भी रोकड़ बही 31 मार्च, 2017 तक ही संधारित है.
इसी तरह, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के अंतर्गत रामकृष्ण कॉलेज, मधुबनी में भी रोकड़ बही 8 मार्च, 2016 तक ही अद्यतन रूप से संधारित है. स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह शर्मा महाविद्यालय, बेगूसराय में भी रोकड़ बही मार्च, 2018 तक ही अद्यतन रूप से संधारित है. वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के अंतर्गत एमबीआरवी कॉलेज, आरा में भी रोकड़ बही समुचित रूप से संधारित नहीं है तथा वाउचर्स के समायोजन की सूचना अप्राप्त है.
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