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पटना : वित्त आयोग विभागों से मांग रहा है कई सवालों के जवाब
15वें वित्त आयोग की टीम राज्य की आर्थिक स्थिति का जायजा लेने इन दिनों बिहार के दौरे पर आयी हुई है पटना : इन दिनों 15वें वित्त आयोग की टीम राज्य की आर्थिक स्थिति का जायजा लेने बिहार के दौरे पर आयी हुई है. टीम की पहली बैठक सभी नगर निकाय और त्रिस्तरीय पंचायती राज […]
15वें वित्त आयोग की टीम राज्य की आर्थिक स्थिति का जायजा लेने इन दिनों बिहार के दौरे पर आयी हुई है
पटना : इन दिनों 15वें वित्त आयोग की टीम राज्य की आर्थिक स्थिति का जायजा लेने बिहार के दौरे पर आयी हुई है. टीम की पहली बैठक सभी नगर निकाय और त्रिस्तरीय पंचायती राज जन प्रतिनिधियों के साथ हो चुकी है. इसके बाद यह सिलसिला दो दिनों (3 और 4 अक्तूबर) और जारी रहेगा. इस दौरान आयोग ने राज्य सरकार से कई तरह के प्रश्नों के उत्तर भी मांगे हैं, जिसके आधार पर आर्थिक स्थिति समेत अन्य पहलुओं की समीक्षा होगी.
वित्त आयोग ने पूछा है कि राज्य में कितने लोक सेवा उपक्रम (पीएसयू) हैं, इनकी सटीक संख्या कितनी है. इनमें से कितने पीएसयू वर्तमान में काम कर रहे हैं. इनकी मौजूदा हालत क्या है. इनके पास कितने की जमीन है और इन परिसंपत्तियों की वर्तमान में बाजार मूल्य कितना है. इसका किस तरह से उपयोग किया जा रहा है. इस सवाल पर इस बार वित्त आयोग का फोकस सबसे ज्यादा है.
इसके अलावा आयोग ने पूछा है कि राज्य का पिछले पांच साल का सकल घरेलू उत्पाद कितना रहा है. राज्य की विकास दर कितनी रही है, इसकी मौजूदा स्थिति क्या है. पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य की विकास दर देश में सबसे ज्यादा रही, इसके प्रमुख कारण क्या रहे हैं. इस तरह के तमाम मसलों पर विस्तार से डाटा के साथ रिपोर्ट तैयार करके जमा करने में वित्त विभाग जुटा हुआ है. राज्य में अभी पीएसयू की संख्या करीब 74 है, जिसमें 44 पीएसयू ही कार्यरत हैं.
वित्त विभाग ने सभी पीएसयू के बारे में पूरी जानकारी जुटा ली है. बंद पड़े पीएसयू के पास मौजूद पूरी संपत्ति का ब्योरा और इनका मौजूदा बाजार दर समेत पूरा विवरण तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा वित्त विभाग अन्य सभी प्रश्नों के उत्तर जुटाने और उन्हें मुहैया कराने में भी लगा हुआ है. इस वजह से छुट्टी के दिन भी विभाग बिना बंद काम में जुटा हुआ था.
सरकार और 12 पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ आज बैठक
वित्त आयोग की टीम का सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम 3 अक्तूबर को है. इस दिन पूरे राज्य सरकार के अलावा 12 पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठक होगी. मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद भवन में होने वाली सभी बैठकों में सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्य सरकार के सभी मंत्री और तमाम उच्च अधिकारियों के साथ बैठक होगी. इस दौरान मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम का भाषण भी होगा. इसी क्रम में आयोग को ज्ञापन सौंपा जायेगा.
बिहार अतिरिक्त सहायता पर देगा ज्यादा फोकस
15वें वित्त आयोग के समक्ष राज्य सरकार जो ज्ञापन सौंपेगी, उसमें आगामी पांच वर्षों के लिए अतिरिक्त आर्थिक सहायता की मांग होगी. बिहार केंद्रीय टैक्स पुल में हिस्सेदारी को बढ़ाना चाहता है और इसे मौजूदा जनसंख्या और भौगोलिक स्थिति के आधार पर फिक्स करवाना चाहता है.
विशेष राज्य का दर्जा अगर नहीं मिलता है, तो विशेष आर्थिक सहायता की मांग होगी. इसके तहत पांच साल में करीब चार लाख करोड़ रुपये की सहायता केंद्र से मिलने की उम्मीद रखी जायेगी. क्षेत्रीय विषमता और बंद हुए बीआरजीएफ के आधार पर क्षतिपूर्ती करते हुए अतिरिक्त आर्थिक सहायता की मांग की जायेगी.
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