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पटना : प्रदेश के 44 शहरों में हर घर से सूखा और गीला कचरा अलग-अलग उठेगा
पटना : राज्य सरकार ने 44 शहरों में ठोस कचरा प्रबंधन की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर ली है. इन शहरों में मुजफ्फरपुर मॉडल के आधार पर कचरे का प्रबंधन करते हुए सूखे कचरे से खाद और गीले कचरे से फ्लाई ऐश तैयार किया जायेगा. मुजफ्फरपुर शहर में करीब साल पहले यह व्यवस्था शुरू […]
पटना : राज्य सरकार ने 44 शहरों में ठोस कचरा प्रबंधन की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर ली है. इन शहरों में मुजफ्फरपुर मॉडल के आधार पर कचरे का प्रबंधन करते हुए सूखे कचरे से खाद और गीले कचरे से फ्लाई ऐश तैयार किया जायेगा.
मुजफ्फरपुर शहर में करीब साल पहले यह व्यवस्था शुरू की गयी थी, जो काफी सफल रही. इसके बाद मुंगेर व बोधगया जैसे शहरों ने भी इसे सफलतापूर्वक लागू किया. अब इस मॉडल को सूबे के 44 शहरों में बेहतर ढंग से लागू करने के लिए विभाग ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है. इनमें 22 गंगा नदी के किनारे पड़ने वाले शहर हैं.
कचरा उठाव को निर्धारित होगा शुल्क : डीपीआर में प्रत्येक घर से कचरा उठाव के लिए शुल्क निर्धारित किया गया है. यह शुल्क आवासीय व वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए अलग-अलग होगा. इसके साथ ही सड़क पर कचरा फेंकने वालों पर जुर्माने का प्रावधान भी लागू होगा. ठोस कचरा प्रबंधन लागू करने से पहले आम लोगों को जागरूक करते हुए उनसे सार्वजनिक स्थल पर कचरा न फेंकने अथवा न जलाने की अपील भी की जायेगी.
प्रत्येक घर को नीले व हरे रंग के दो डस्टबीन दिये जायेंगे
विभाग इन चिह्नित शहरों में हर घर से अलग-अलग सूखा व गीला कचरा उठाने की व्यवस्था कर रहा है. इसके लिए निकायों के द्वारा प्रत्येक घर को नीला व हरा रंग का दो डस्टबीन मुहैया कराया जायेंगे.
लोगों को सलाह दी जायेगी कि नीले रंग के डस्टबीन में सूखा, जबकि हरे रंग के डस्टबीन में गीले कचरे का भंडारण करें. इसी तरह डोर-टू-डोर कचरा उठाव करने वाली एजेंसी भी सूखे व गीले कचरे को अलग-अलग डिब्बे में रखेगी. डंपिंग यार्ड में सूखे कचरे को बड़े से गड्ढे में दबा दिया जायेगा, जो कुछ दिन बाद खाद में तब्दील हो जायेगा. गीले कचरे से मशीन की मदद से फ्लाई ऐश तैयार किया जायेगा.
रेरा वेबसाइट पर अब ऑनलाइन दर्ज कराएं शिकायत
बिहार रियल इस्टेट रेगुलेशन अथाॅरिटी (रेरा) ने रियल इस्टेट सेक्टर के पीड़ितों को शिकायत दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन मंच उपलब्ध करा दिया है. कोई भी व्यक्ति विस्तृत सूचना के साथ रेरा के अधिकृत वेबसाइट https://nagarseva.bihar.gov.in/rerabihar पर ‘ रजिस्टर कंप्लेन ‘ सेक्शन में क्लिक कर सीधे अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके लिए उनको एक हजार रुपये का शुल्क भी अदा करना होगा, जो डीडी या बैंकर्स चेक के माध्यम से जमा होगा. शिकायत करने वाले व्यक्ति को सबसे पहले बताना होगा कि उनका प्रोजेक्ट रेरा में रजिस्टर्ड है या नहीं. इसके बाद मूलभूत जानकारी के साथ सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट भी अटैच करना होगा.इस शिकायत के आधार पर ही रेरा केस दर्ज करेगी और दोनों पक्षों को नोटिस देते हुए आगे की कार्रवाई शुरू कर देगी.
ऐसे होगा कचरे का भंडारण
हरा डस्टबीन
प्राकृतिक तरीके से सड़नशील कूड़ा, सभी तरह के खाद्य अवशेष, फल-सब्जी-फूल का अवशेष, मांसाहारी खाने का अवशेष, चाय पत्ती, बगीचे से निकला कूड़ा. (इससे बनेगा खाद).
नीला डस्टबीन
प्लास्टिक, पानी का बोतल, पॉलिथिन, ग्लास, कांच के बरतन, पेपर, गत्ते, रबड़, लकड़ी व चमड़े का सामान. (इन सभी का रिसाइकिल किया जायेगा).
लाल डस्टबीन
इंजेक्शन, पुरानी दवाएं, पेपर में लपेटा सेनेटरी नैपकीन व डायपर्स, उपयोग किया बैंडेज, रूई, पेपर रोल. (इसे अलग डिस्पोजल किया जायेगा).
उच्च क्वालिटी की खाद होगी तैयार, होगी बिक्री
विभाग के मुताबिक मुजफ्फरपुर में इस माध्यम से तैयार की गयी खाद जांच में उच्च क्वालिटी की पायी गयी है. इसको देखते हुए इस खाद की 25 किग्रा की बोरियों में पैक कर बेचने की योजना भी तैयार कर ली गयी है.
इससे कचरा निबटान की परेशानी तो दूर होगी ही खाद बेच कर निकाय अतिरिक्त राजस्व भी कमा सकेंगे. गीले कचरे को फ्लाई ऐश में प्रोसेस करने के लिए बेंगलुरु की एक कंपनी से करीब सवा करोड़ की लागत से मशीन की खरीद की जायेगी. फिलहाल निकायों के अधिकारियों को इस मशीन का प्रशिक्षण लेने के लिए बेंगलुरु भेजा गया है.
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