अपराधियों को दोगुने दाम में हथियार बेचता था इमरान
पटना : बिहार के बड़े अपराधियों के पास एके-47 कहां से आ रही थी इसका पुख्ता प्रमाण मिल गया है. बिहार और एमपी की पुलिस ने स्मगलर इमरान और सेना के रिटायर्ड आरमोर्रर (शस्त्रसाज) पुरुषोत्तम लाल को गिरफ्तार करके बड़ा खुलासा किया है.
पिछले दिनों बिहार के मुंगेर में स्मगलर इमरान को तीन एके-47 के साथ गिरफ्तार किया गया था और उसकी निशानदेही पर जबलपुर पुलिस, क्राइम ब्रांच और एटीएस ने पुरुषोत्तमलाल को रीवा जिले के मनगवां थाना क्षेत्र अंतर्गत बैकुंठपुर से गिरफ्तार कर लिया है.
पूछताछ में उसने खुलासा किया है कि करीब 20 हथियार उसने रीवा समेत मध्य प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में बेचा है. जबकि इमरान के माध्यम से यूपी-बिहार में करीब 30 एके-47 की सप्लाई दी है. इस हथियार का सौदा इमरान पांच लाख में करता था और दोगुने दाम पर बिहार में लाकर बेचता था. मतलब बिहार में जो अपराधी एके-47 से गोलियां दाग रहें हैं वह हथियार सेना के हैं और पुरूषोत्तम लाल ने इसकी बड़ी खेप कई चरणों में बिहार में भेज दिया है.
अब इस खुलासे के बाद बिहार पुलिस की चुनौती बढ़ गयी है. पुलिस को इन हथियारों की तलाश करनी होगी. मंगलवार को पुरुषोत्तम की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पता चला है कि सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो में शस्त्रसाज (आरमोर्रर) के पद से वर्ष-2008 में सेवानिवृत्त पुरुषोत्तम लाल सेना के दूसरे साथियों के साथ मिलकर खूब सौदेबाजी की है.
अब तक उसने करीब 50 एके-47 रायफल बेच दिया है. इसके बाद जबलपुर की क्राइम ब्रांच की टीम इमरान को ट्रांजिट रिमांड पर लेने की तैयारी में है. इसके लिए क्राइम ब्रांच की टीम मुंगेर पहुंची हुई है. यहां से ट्रांजिट रिमांड पर जबलपुर ला जाने की प्रक्रिया में जुटी है.
इमरान से मुंगेर जेल में पूछताछ…
सूत्रों के अनुसार मुंगेर आयी क्राइम ब्रांच की टीम को इमरान की गिरफ्तारी के बाद जमालपुर पुलिस से कई अहम जानकारियां मिली थीं. इसके बाद टीम जेल में इमरान से मिली और पूछताछ किया. उसे कैस हथियार मिलते थे, कौन उन्हें सप्लाई देता था, कितने में सौदा होता था, कैसे हथियार को लाते थे? ऐसे तमाम सवाल उससे किये गये तो कई खुलासे हुये.
इसकी जानकारी जबलपुर पुलिस अफसरों को दी गयी और पुरुषोत्तम लाल की तलाश शुरू हुई. उसके बारे में इतनी ही जानकारी थी कि वह सीओडी से रिटायर्ड शस्त्रसाज है. इसके बाद छापेमारी कर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया.
पुरुषोत्तम का एक और सहयोगी हिरासत में, अन्य की तलाश जारी
पुरुषोत्तमलाल की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में कुछ अन्य सहयोगियों का नाम लिया है. इसके बाद पुलिस ने उसके एक और सहयोगी को पकड़ा है. वह भी 2012 में सेवानिवृत्त हुआ है. सात अन्य सीओडी के अधिकारियों और जवानों की जानकारियां मिली हैं. उनकी गिरफ्तारी के लिए जबलपुर की क्राइम बांच की टीमें दबिश दे रही हैं.
ऐसे खुला यह राज
बिहार की मुंगेर पुलिस
ने 29 अगस्त को जमालपुर के
जुबली वेल चौक से मिर्जापुर
बरदह निवासी मो.इमरान को तीन
एके-47 रायफल, 30 एके-47 के मैगजीन,
सात पिस्टल, सात स्प्रिंग, सात बॉडी कवर, सात रक्विायल स्प्रिंग, सात ब्रीज ब्लॉक के साथ गिरफ्तार किया था.
सभी रायफल फैक्ट्री मेड हैं, लेकिन
उस पर आर्सलर नम्बर अंकित नहीं है. जबकि फैक्ट्री मेड होने पर यह अनिवार्य रूप से लगाया जाता है. एके-47 रायफल की पाटर्स में निकाले गये थे.
सप्लाई के लिए 29 बार मुंगेर की यात्रा कर चुका है पुरुषोत्तम
सेना के रिटायर्ड आरमोर्रर पुरुषोत्तम एमपी के जबलपुर से बिहार के मुंगेर की 29 बार यात्रा कर चुका है. छानबीन में ऑनलाइन टिकट की बुकिंग के प्रमाण मिल हैं. इसके अलावा यह भी पता चला है कि भारी मात्रा में एके-47 और मैगजिन की सप्लाई पुरुषोत्तम ने बिहार में किया है. जबलपुर की पुलिस ने पुरुषोत्तम की पत्नी को भी हिरासत में ले लिया है. उससे पूछताछ जारी है.
उसकी पत्नी की भी भूमिका सामने आ रही है. आर्मी के बेस कैंप से हथियार बेचे जाने का यह मामला काफी तूल पकड़ लिया है. सूत्रों कि मानें तो गृह मंत्रालय ने भी इसकी रिपोर्ट तलब कर ली है. फिलहाल मुंगेर के एसपी बाबूराम और जबलपुर के एसपी अमित कुमार इस पूरे मामले की जड़ खंगाल रहे हैं. दरअसल दोनों एसपी 2009 बैच के हैं. दोनों का आपसी सामंजस्य बेहतर है.
इधर, पुलिस थ्री फिफ्टीन बोर की राइफल व खटारा गाड़ियों के भरोसे
थाना पुलिस के पास थ्री फिफ्टीन बोर की पुरानी राइफल है. जबकि, अपराधियों के पास एके-47 जैसी स्वचालित असॉल्ट राइफल पहुंच गयी है. इसका उदाहरण सूबे में हुए कई हत्याओं के दौरान घटना स्थल से एके-47 के मिले बुलेट से पुष्ट होती है. वहीं, बिहार में एके-47 की सप्लाइ की भी पुष्टि मुंगेर के इमरान की गिरफ्तारी के बाद हो चुकी है.
सीधे तौर पर देखा जाये, ताे थाने की पुलिस अभी वहीं पुराने हथियारों के साथ ड्यूटी कर रही है. फिलहाल बिहार में हाइप्रोफाइल मर्डर में अपराधी एके-47 हायर करते हैं और घटना को अंजाम देते हैं. ऐसे कई वारदात सामने आ चुके हैं जिसमें अपराधियों ने एके-47 हथियार का उपयोग किया है. पुलिस को इस हथियार के प्रयोग की जानकारी मिल चुकी है. लेकिन, अभी तक हत्या में प्रयुक्त एक भी बरामदगी नहीं हुई है.
थाने में वाहनों की कमी, जो हैं वे पुराने
पटना पुलिस अपने आप को कितना भी हाइटेक होने का दावा कर लें, लेकिन हकीकत यह है कि ग्रामीण थानों की बात तो दूर पटना शहर के थानों में वाहनों की कमी है. इसके साथ ही जो भी जीप या जिप्सी थानों में मौजूद हैं वो भी काफी पुराने हैं.
पुराने होने के कारण वाहनों की कार्यक्षमता में काफी गिरावट आयी है और उसका इस्तेमाल 24 घंटे किया जा रहा है. पिछले दिनों खराब गाड़ियों के कारण दीघा थाने के आठ पुलिसकर्मियों के जान पर बन आयी थी. सोमवार को दीघा थाने की जीप सामान्य गति में थी और इसी बीच टायर ब्लास्ट कर गया. इससे गाड़ी असंतुलित होकर डिवायडर से टकरा गयी और पलट गयी. मंगलवार को दीघा थाने की दूसरी जीप का भी एक्सीडेंट हो गया.