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सफीनह बाल गृह मामला : तीन बच्चे हुए मुक्त, 35 लोगों पर एफआईआर

पटना सिटी : चौक थाना क्षेत्र के मोर्चा रोड में सफीनह बाल गृह में बुधवार को हुए हंगामा व पथराव के मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है. दर्ज प्राथमिकी में 35 अज्ञात को आरोपित बनाया गया है. इनमें तीन को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पहचान के बाद जेल भेज दिया गया है. […]

पटना सिटी : चौक थाना क्षेत्र के मोर्चा रोड में सफीनह बाल गृह में बुधवार को हुए हंगामा व पथराव के मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है. दर्ज प्राथमिकी में 35 अज्ञात को आरोपित बनाया गया है. इनमें तीन को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पहचान के बाद जेल भेज दिया गया है.
इधर, गृह से तीन बच्चों के फरार होने के मामले में भी संचालक की ओर से थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी है.
गुरुवार को वहां जांच के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई की ओर से संचालित जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने दो सदस्यों के साथ निरीक्षण किया और तीन बच्चों को रिहा कराया. गृह में अभी 36 बच्चे रह रहे हैं. वहीं, एसडीओ राजेश रोशन ने बताया कि दंडाधिकारी उमेश कुमार सिंह की ओर से जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद जिलाधिकारी को भेजी जायेगी. घनी आबादी में गृह नहीं रहे, इस दिशा में कार्रवाई की जायेगी.
देर से होती है बच्चों की रिहाई : एसडीओ राजेश रोशन ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह बात उभर कर सामने आयी है कि अभिभावक का पता चलने के बाद भी बच्चों को मां-बाप को सौंपने में विलंब किया जाता है.
इस वजह से हंगामा हुआ है. दूसरी ओर, गुरुवार को जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अशोक प्रसाद, सदस्य शशि भूषण कुमार व ज्योति मणि मामले में जांच-पड़ताल के लिए गृह पहुंचे. जहां गृह में रहने वाले बच्चों से पूछताछ की.
साथ ही गृह पहुंचे कुछ अभिभावकों से भी जानकारी प्राप्त की. अध्यक्ष ने बताया कि बच्चों ने किसी तरह की शिकायत दर्ज नहीं करायी. गृह में खुसरूपुर से आये दो बच्चे व नवादा के एक बच्चे को सुनवाई के दौरान परिजनों के हवाले किया. अधीक्षक की मानें, तो खुसरूपुर से आये दो बच्चों ने गलत अफवाह फैला दी, जिस वजह से यह घटना घटी. तीन बच्चों को छोड़ा गया है. लगभग 15 बच्चों को परिजनों के हवाले ललित भवन में स्थित अपना घर में सुनवाई कर किया जायेगा.
थानाध्यक्ष मितेश कुमार ने बताया कि सरकारी काम में बाधा डालने, पुलिस पर हमला व पथराव करने के मामले में 35 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. दर्ज प्राथमिकी में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तीन लोगों की पहचान हुई, जो कैमाशिकोह के रहने वाले हैं.
इनमें उमेश कुमार, गुड्डू कुमार व जितेंद्र कुमार हैं, जिनको हंगामा करने वालों के रूप में चिह्नित करने बाद जेल भेजा गया है. पुलिस ने बताया कि गृह के संचालक गुलाम सरवर आजाद के निर्देश पर अधीक्षक विजय कुमार यादव ने हंगामे की स्थिति में तीन बच्चों के फरार (पलायन) होने की शिकायत दर्ज करायी है.
क्या है विवाद : दरअसल मामला यह है कि बीते बुधवार दो तल्ला मकान में संचालित सफीनह बाल गृह में रहने वाले बच्चे सड़क की ओर हाथ हिला कर रोते हुए बचाने के लिए शोर मचाने लगे. बच्चों के शोर के बाद सड़क से गुजर रहे लोग व स्थानीय निवासी काफी संख्या में जुट गये.
लोगों ने समझा कि बच्चों को कैद कर रखा गया है. इसी के बाद बढ़े विवाद में स्थानीय लोगों ने जम कर हंगामा किया. मौके पर पहुंची पुलिस पर भी लोगों ने पथराव करते हुए थाना की गश्ती गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया. पुलिस ने भी लाठी चार्ज किया. यह गृह मोर्चा रोड में चार अप्रैल, 2018 को 35 हजार रुपये के मासिक किराये पर खोला गया है. गृह में भूले-भटके बच्चों को रखा जाता है. 50 की क्षमता वाले गृह में 42 बच्चे रह रहे थे. 19 मई से यहां बच्चों को रखा जा रहा है.
नाम-पता बताने वालों को नहीं भेजें गृह
जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि निरीक्षण में दोनों सदस्यों के साथ अधिवक्ता अभिजीत कुमार भी थे. अध्यक्ष की मानें, तो बाल सखा के लोगों को निर्देश दिया गया है कि जो बच्चे नाम-पता बताते हैं, उनको सरकारी गृह में नहीं भेंजें.
सफीनह में जो घटना घटी है, उसमें मंगलवार को खुसरूपुर से आये दो बच्चे रात में ही बाहर जाने की जिद करने लगे. किसी तरह समझा कर मामले को शांत कराया गया. यही बच्चे बुधवार की सुबह रोने लगे व बचाने का शोर मचाने लगे, जिससे हंगामा हुआ.

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