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चंद्रग्रहण को लेकर बंद रहे मंदिरों के कपाट

पटना : 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण शुक्रवार को लगा. भारत में पूर्ण चंद्रग्रहण दिखायी दिया. देशभर के कई इलाके में पूर्ण चंद्रग्रहण को देखने के लिए कई तरह के इंतजाम किये गये थे. बताया जा रहा है कि भारत में चंद्रग्रहण का असर देर रात 11.53 बजे से ही दिखना शुरू हो गया […]

पटना : 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण शुक्रवार को लगा. भारत में पूर्ण चंद्रग्रहण दिखायी दिया. देशभर के कई इलाके में पूर्ण चंद्रग्रहण को देखने के लिए कई तरह के इंतजाम किये गये थे. बताया जा रहा है कि भारत में चंद्रग्रहण का असर देर रात 11.53 बजे से ही दिखना शुरू हो गया था. दुनियाभर की निगाहें इस लंबे चंद्रग्रहण को देखने के लिए पूरी रात जगी रही. पटना और आस पास के इलाकों में 11.54 के बाद ग्रहण नंगी आंखों से धीरे-धीरे देखने को मिला.

इसको देखने के लिए लोग अपने घरों के घर पर कई घंटे बीत दिये. सभी लोगों में इस चंद्रग्रहण को देखने का उत्साह था. चंद्रग्रहण के कारण शहर के कई बड़े मंदिर शाम को जल्द ही बंद हो गये थे. कुछ मंदिर तो दोपहर के बाद ही बंद कर दिये गये थे. शहर के विभिन्न मंदिरों के कपाट शनिवार सुबह लेट से खुलेंगे. ऐसा चंद्रग्रहण के कारण हो रहा है. चंद्रग्रहण की अवधि में मंदिर में पूजा-पाठ भी नहीं हुई. ग्रहण समाप्त होने के बाद नियमित पूजा अर्चना मंदिरों में शुरू हुई. ग्रहण शनिवार प्रात: तीन बजकर 49 मिनट तक रहा. पंडित श्रीपति त्रिपाठी जी ने कहा कि आषाढ़ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा शुक्रवार 27 जुलाई 2018 खग्रास अर्थात पूर्ण चंद्र ग्रहण पूरे भारत वर्ष में दिखायी दिया. इसके अतिरिक्त इस ग्रहण को अंटार्कटिका,ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर एशिया अफ्रीका यूरोप दक्षिण अमेरिका के मध्य और पूर्वी भाग से देखा गया.

भारतीय मानक के अनुसार इस चंद्र ग्रहण का स्पर्श रात में 11:15 पर था. ग्रहण का मध्य समय 1:52 था. रात 3:00 बजे के 49 मिनट पर यह ग्रहण समाप्त हुआ. रात एक बजे से लेकर रात 2:45 तक यह खग्रास की अवस्था से पूरा चंद्रमा ढका रहा. पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान मंगल ग्र‍ह धरती के काफी करीब था. चांद धरती से सबसे ज्यादा दूरी पर था, यानी सबसे छोटा चांद दिखायी दिया.

समय के साथ बदलता रहा चांद का आकार
देर रात से चंद्रग्रहण का असर दिखना शुरू हो गया. धीरे-धीरे चांद का रंग लाल होता गया. एक समय ऐसा आया जब चांद पूरी तरह से गायब हो गया. शुरुआत में रात 10.53 बजे चांद पर ग्रहण का असर शुरू हुआ, लेकिन नंगी आंखों से कुछ नहीं दिखायी दिया. देर रात 1.51 बजे चंद्रग्रहण अपने सर्वोच्च स्तर पर था. 2.43 बजे धीरे-धीरे ग्रहण का असर कम हो गया.
स्पेशल रहा चंद्रग्रहण : इस बार का चंद्र ग्रहण ज्यादा स्पेशल था, क्योंकि हमारी पृथ्वी पूरे जुलाई-सितंबर में सूर्य और मंगल के बीच से होकर गुजर रही है. शुक्रवार रात को मंगल अपनी बेस्ट पोजिशन पर होगा जो कि 2003 के बाद ऐसी स्थिति बनी है. इस बार मंगल पृथ्वी से सबसे नजदीक और साफ दिखाई देगा जो कि 15 साल बाद होने जा रहा है.

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