सट्टेबाजों के पास से सट्टे का हिसाब-किताब लिखा रजिस्टर भी बरामद
दानापुर/पटना : रूपसपुर पुलिस ने रविवार की देर रात विश्वेश्वरैया नगर स्थित खिलाड़ी हेरिटेज अपाॅर्टमेंट के ब्लॉक एक के फ्लैट संख्या 402 में छापेमारी कर चार सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से पुलिस ने एक लाख रुपये, 23 मोबाइल फोन, आठ कैलकुलेटर, छह एटीएम कार्ड, एक एलईडी टीवी व आपत्तिजनक सामान बरामद किया है. गिरफ्तार सट्टेबाजों के पास से सट्टे का हिसाब-किताब लिखा रजिस्टर भी बरामद किया गया है.
बता दें कि दानापुर सहित पटना जिले में बड़े पैमाने पर क्रिकेट मैचों में सट्टेबाजी की जाती रही है. यह सट्टेबाजी दिल्ली और मुंबई की तर्ज पर होती है. पहले भी दानापुर के तार सट्टेबाजी से सीधे तौर पर जुड़ चुके हैं. पकड़े गये सट्टेबाजों ने बताया कि वह लोग एजेंट के तौर पर काम करते हैं. फिलहाल पुलिस पकड़े गये सट्टेबाजों से पूछताछ के आधार पर गिरोह के सरगना तक पहुंचने की रणनीति बना रही है. गिरफ्तार सट्टेबाज महावीर स्थान निवासी अजय बिल्डर से फ्लैट भाड़े पर लेकर सट्टेबाजी का धंधा करता था.
पटना : दिल्ली और मुंबई की तर्ज पर पटना में भी अब क्रिकेट मैचों की जम कर सट्टेबाजी हो रही हैं. पटना में पूर्व में भी कई बार सट्टेबाजी करते हुए लोगों को पुलिस ने पकड़ा हैं. ये सट्टेबाज आईपीएल मैचों से लेकर जिला स्तर के भी क्रिकेट मैचों में सट्टा लगाते थे. रूपसपुर पुलिस ने एक बार फिर से एक सट्टेबाज गिरोह का पर्दाफाश किया हैं. यह गिरोह स्टार स्पोर्ट्स पर तमिलनाडु में चल रहे दो जिलों के बीच के क्रिकेट मैच को केंद्र बिंदु बना कर सट्टेबाजी कर रहे थे. खास बात यह है कि गिरोह कई दिनों से सट्टेबाजी कर रहे थे.
तमिलनाडु में चल रहे क्रिकेट मैच पर लगा रहे थे सट्टा : थानाध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि रविवार की देर रात गुप्त सूचना मिली थी कि विश्वेश्वरैया नगर के खिलाड़ी हेरिटेज अपाॅर्टमेंट के ब्लॉक एक के फ्लैट संख्या 402 में तमिलनाडु में चल रहे क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाया जा रहा है.
छापेमारी कर चार को सट्टेबाजी करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया. आशीष कुमार बीबीगंज, अजय कुमार महावीर स्थान, सागर कुमार गुरुद्वारा मोड़ व पेठिया बाजार निवासी विकास कुमार को गिरफ्तार किया गया.
दिल्ली और मुंबई में कैसे होती है सट्टेबाजी : सट्टेबाजी के तार दुबई से जुड़े हुए है. दुबई से ही सट्टेबाजी का संचालन होता है. अहमदाबाद के बुकी (सट्टा खेलाने वाला) दुबई से जुड़ा होता है और उसके नीचे कई बुकी होते है, जो पूरे शहर में लोगों को जोड़ कर सट्टेबाजी कराते हैं. दुबई से ही सारा निर्देश आता-जाता है. सारा काम मोबाइल फोन के माध्यम से होता है और नकद पेमेंट होता है. किसी प्रकार का एकाउंट का प्रयोग नहीं किया जाता है.
इसके अलावा कोई भी सट्टेबाजी के स्थान पर नहीं जमा होते हैं. सारा काम विश्वास पर होता है. इसके लिए बुकी सट्टे खेलने वालों के फोन की भी रिकॉर्डिंग कर लेता है. ताकि, वे बाद में अपनी बात से नहीं मुकरे. जिन लोगोें को सट्टेबाजी खेलनी होती है उन्हें एक विशेष मोबाइल नंबर दिया जाता है और इसके लिए दस हजार की रजिस्ट्रेशन फीस भी जमा करायी जाती है. सट्टेबाजी शुरू होते ही उसकी पल-पल की रिपोर्ट की जानकारी सट्टा खेलने वाले के मोबाइल नंबर पर भी दिया जाता है.
कैसे करते हैं सट्टेबाजी
सट्टेबाजी में शामिल होनेवाले लोगों की लिस्ट बनाते हैं. इन सभी लोगों को निश्चित स्थान और समय पर बुलाया जाता था. जिस जगह पर बुलाया जाता था, वहां कमरे में खाने-पीने से लेकर टीवी की व्यवस्था रहती थी. कई लोग फोन से भी लगातार इन लोगों से जुड़े होते हैं. मैच शुरू होने के आधा घंटा पहले सट्टेबाजी के आवश्यक नियमों की जानकारी दे दी जाती हैं. इसकी भनक तक नहीं लगने दी जाती है.
किन-किन बिंदुओं पर होती है सट्टेबाजी
1. मैच शुरू होने के पहले टॉस जीतने व हारने पर लगता है दांव
2. प्रथम पांच ओवर में कितने रन बनेंगे
3. गेंद पर चौका या छक्का लगेगा
4. कितने ओवर में कितने विकेट गिरेंगे
5. कौन मैच जीतेगा
6. स्थिति के अनुसार बिंदु भी बदलते हैं. (मसलन निर्णायक स्थिति में अगर एक टीम को पांच ओवर में पचास रन की आवश्यकता है, तो इस बात पर दांव लगेगा कि तो वह रन बनेंगे या नहीं)
7. कौन सा खिलाड़ी 100 रन बनायेगा या 50 रन
8. कौन सा गेंदबाज कितने विकेट लेगा