पटना सिटी: भले ही नगर निगम समय-समय पर ये दावा करता रहे कि सफाई व्यवस्था ठीक-ठाक चल रही है, लेकिन शहर की सड़के निगम के दावों की पोल खोल रही हैं. गलियों के शहर पटना सिटी में सफाई व्यवस्था क्या होगी, इसका अंदाजा आप खुद पैदल चल कर लगा सकते है.
तंग गलियों की बात तो दूर संपर्क पथ व मुख्य मार्ग में भी सड़कों पर कचरा फैला हुआ है. बजबजाती कीचड़युक्त गंदगी व जलजमाव में ही लोग आवाजाही करने को मजबूर हैं. मामूली बरसात में स्थिति और भयावह हो जाती है. निगमकर्मियों का अपना तर्क है. पटना नगर निगम सिटी अंचल के अधीन आनेवाले बीस वार्ड के लिए स्थायी 400 व अस्थायी 495 सफाईकर्मी हैं.
इस समय बड़े नालों की उड़ाही के काम में भी सफाई कर्मी को लगाया गया है. जिस कारण गलियों के शहर में सफाई प्रभावित हो रही है.
मोहल्ले नरक में तब्दील
हाल के दिनों में बरसात ने कई मुहल्ले को नरक में तब्दील कर दिया. इसकी सूरत संवारने के लिए निगम कोशिश कर रहा है. खासतौर पर दूंदी बाजार, जंगली प्रसाद लेन, नयी गली,नेहरू टोला, कैमाशिकोह, मोगलपुरा, दुरूखी गली, मदरसा रिजविया, दादर मंडी गुलजारबाग पथ, लोदी कटरा, नून की चौराहा, हमाम, आगा हुसैन के चौराहा, मुसल्लहरपुर हाट बाजार समिति, शनिचरा पथ, शाहगंज, संदलपुर के साथ करीब एक दर्जन गलियों में लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं.