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10 फीसदी बड़े नालों की भी नहीं हो सकी है उड़ाही

लापरवाही. 50 एमएम भी बारिश हुई, तो डूब जायेगा आधे से अधिक पटना जगह-जगह नालों पर है अतिक्रमण आदेश के बावजूद हटाया नहीं जा रहा नये नगर आयुक्त ने किया निरीक्षण, तो खुली पोल पटना : मार्च के अंतिम सप्ताह से नगर निगम ने चारों अंचल में नाला उड़ाही का काम शुरू कर दिया था. […]

लापरवाही. 50 एमएम भी बारिश हुई, तो डूब जायेगा आधे से अधिक पटना

जगह-जगह नालों पर है अतिक्रमण
आदेश के बावजूद हटाया नहीं जा रहा
नये नगर आयुक्त ने किया निरीक्षण, तो खुली पोल
पटना : मार्च के अंतिम सप्ताह से नगर निगम ने चारों अंचल में नाला उड़ाही का काम शुरू कर दिया था. अधिकारियों ने रिपोर्ट भी दी थी कि अस्सी फीसदी से ज्यादा नाला उड़ाही का काम हो चुका है. लेकिन, जब नये नगर आयुक्त नूतन राजधानी, कंकड़बाग और पटना सिटी के नालों की उड़ाही देखने पहुंचे तो उन्हें पता चला कि अब तक आठ से दस फीसदी बड़े नालों की भी उड़ाही नहीं हो सकी है. विशेषज्ञों ने उन्हें बताया कि राजधानी में 50 एमएम बारिश हो जाये तो आधे से अधिक पटना डूब जायेगा. शनिवार को प्रभात खबर संवाददाता ने निगम क्षेत्र के बड़े नालों का जायजा लिया. पेश है रिपोर्ट.
न सफाई हुई, न नाले के ऊपर से हटा अतिक्रमण : बेऊर मोड़ से सिपारा पुल और मीठापुर बस स्टैंड मोड़ से नंद लाल छपरा तक न्यू बाइपास के किनारे नाला बहता है. इस नाले में गर्दनीबाग, मीठापुर, दशरथा, सरिस्ताबाद, कंकड़बाग के पानी की निकासी होती है. लेकिन ढाई माह में 200 मीटर की भी उड़ाही नहीं की गयी है. मीठापुर बस स्टैंड से नंद लाल छपरा तक 200 से अधिक अतिक्रमणकारियों ने नाले को रोक रखा है, नगर आयुक्त ने इसे दो दिन अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था.
निर्देश के बावजूद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू नहीं की गयी है.
नाले के बीच में जमी है घास : बड़े नालों में एक है सर्पेंटाइन नाला जो ईको पार्क से बहता है और दारोगा राय पथ और एजी ऑफिस के पीछे से निकल कर मंदिरी नाले में मिलता है. इस नाले की उड़ाही भी जैसे-तैसे हुई है. नाले के बीच में घास जमी है. सचिवालय के समीप और दारोगा राय पथ पर नाले के किनारे दर्जनों अतिक्रमणकारियों का कब्जा है.
आदेश के बाद भी कहीं नहीं दिखी नाला उड़ाही
आनंदपुरी नाला से होकर आनंदपुरी, नॉर्थ एसके पुरी, पाटलिपुत्र कॉलोनी के कुछ हिस्से के पानी निकलता है. इस नाले की भी उड़ाही नहीं की गयी है. जगह-जगह नाले में कचरा डंप है और घास जमी है. नाले के किनारे खटाल संचालकों का कब्जा है. इस नाले की उड़ाही के वक्त अतिक्रमणकारियों का हटाने का भी निर्देश दिया गया था.
छोटे नालों की भी नहीं हुई उड़ाही
बोर्ड कॉलोनी में दर्जनों छोटे-छोटे नाले हैं जो बड़े नालों में मिलते हैं. इनमें से एक भी नाले की ठीक से उड़ाही नहीं हुई है. बोर्ड कॉलोनी के एक नाले के समीप बड़ा खटाल चल रहा है. इसकी गंदगी नाले में गिरकर उसे जाम करती है. निगम प्रशासन नाला उड़ाही तो दूर खटाल संचालकों पर भी कार्रवाई नहीं कर रहा है.
बेअसर रहीं बैठकें, इस बरसात भी डूबेगी राजधानी
पटना. बरसात के मौसम में शहर को कैसे जल-जमाव से मुक्ति दिलायी जाये, इसके लिए क्या-क्या आवश्यक तैयारियां करनी हैं. इस पर लंबी-लंबी बैठकें हो चुकी है. जिलाधिकारी कुमार रवि ने भी बारिश के बाद नगर निगम को चार से छह घंटों के भीतर पानी निकासी करने के निर्देश दिये हैं. अलबत्ता जमीनी हकीकत यह है कि नगर निगम ने ऐसी कोई तैयारी नहीं की है जिससे कहा जाये कि इस बार जल-जमाव की समस्या नहीं होगी. इस बार तो शहर में कई ऐसे नये प्वाइंट बन गये हैं, जहां जल जमाव होना तय है. कई पुराने प्वांइट हैं, जहां अब-तक सुधार नहीं किया गया है. पेश है शहर के तीन ऐसे बड़े प्वाइंट्स का जायजा जो आधे शहर को डुबाने के लिए जिम्मेदार बनेंगे.
इन जगहों पर होगी विशेष समस्या : उपरोक्त तीन बड़े प्वाइंट जो लगभग आधे शहर को डूबाने के लिए जिम्मेदार होंगे. इसके अलावा भी कई ऐसे जगह है, जहां नगर निगम ने पिछली बरसात से सीख नहीं लिया है. मसलन आर ब्लाॅक, जीपीओ गोलंबर, कांटी फैक्ट्री, बाकड़गंज नाला, भूतनाथ रोड, इंद्रपुरी, शास्त्री नगर, जक्कनपुर में पानी जमाव की विशेष समस्या होगी.
नहीं मिला 24 घंटे वाला प्लान : बीते सोमवार को डीएम कुमार रवि ने 24 घंटे में बारिश के बाद जल-जमाव दूर करने का प्लान मांगा है. मगर नगर निगम की ओर से समय सीमा समाप्त होने के बाद भी रिपोर्ट नहीं सौंपी गयी.
अशोक नगर का जीरो प्वाइंट
अशोक नगर का जीरो प्वाइंट अब तक पूरा नहीं हो पाया है. संप हाउस का काम अभी भी निर्माणाधीन है. चार साल पहले से कंकड़बाग में संप हाउस बनाया जा रहा है. इस योजना के तहत बड़ा नाला और पानी निकासी के लिए संप हाउस बनाया जाना है. इस बार भी निर्माण पूरा नहीं होने के कारण आधा दर्जन वार्डों में जलजमाव होगा.
मीठापुर में संप हाउस अधूरा
मीठापुर में वर्षों पहले बनायी गयी योजना के अनुरूप आज तक संप हाउस का निर्माण नहीं किया जा सका. इस कारण जक्कनपुर, बीडीए कॉलोनी, विद्युत कॉलोनी, चांदमारी रोड से लेकर नूतन राजधानी अंचल के गर्दनीबाग,जनता रोड, सरिस्ताबाद से लेकर कच्ची तालाब व अन्य आसपास के इलाकों में जलजमाव होता है.
बाईपास नाला भी नहीं बना
बेऊर मोड़ से लेकर नंदलाल छपरा तक लगभग पांच किमी तक बाईपास नाले का निर्माण पूरा नहीं हो सका है. नगर विकास व आवास विभाग की ओर से लगभग 40 कराेड़ रुपये देने के बावजूद अब तक नाला व उसके ऊपर सड़क बनाने की योजना को एनएचएआइ ने फंसा रखा है. इससे जलजमाव होता है.
पटना. नये नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन ने पदभार ग्रहण करने के दूसरे दिन ही बेऊर से मीठापुर और मीठापुर से नंद लाल छपरा तक न्यू बाईपास नाला का निरीक्षण किया है. निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त ने उड़ाही कार्य को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए कंकड़बाग कार्यपालक पदाधिकारी को सख्त निर्देश दिये थे कि दो दिनों के अंदर नाला उड़ाही हो और नाले के ऊपर से अतिक्रमण हटाना शुरू कर दें. वहीं नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी को अवरुद्ध नाला को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है. इस निर्देश का पालन हुआ या नहीं, इसको देखने शनिवार को जब उप नगर आयुक्त विशाल आयुक्त पहुंचे तो पता चला कि कंकड़बाग अंचल में शनिवार को उड़ाही कार्य शुरू ही नहीं हुआ है.

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