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पटना : क्लैट-2018 की रिवाइज्ड रैंक लिस्ट 16 को होगी जारी
पटना : कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) की रिवाइज्ड रैंक लिस्ट जारी होगी. क्लैट आयोजन समिति 16 जून को 4,690 छात्र-छात्राओं की रैंक लिस्ट को दोबारा जारी करेगी. इन छात्र-छात्राओं को परीक्षा में कम वक्त मिले थे. मालूम हो कि क्लैट के दौरान देश भर में तकनीकी गड़बड़ियां सामने आयी थीं. परीक्षा के बाद कुछ […]
पटना : कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) की रिवाइज्ड रैंक लिस्ट जारी होगी. क्लैट आयोजन समिति 16 जून को 4,690 छात्र-छात्राओं की रैंक लिस्ट को दोबारा जारी करेगी. इन छात्र-छात्राओं को परीक्षा में कम वक्त मिले थे. मालूम हो कि क्लैट के दौरान देश भर में तकनीकी गड़बड़ियां सामने आयी थीं. परीक्षा के बाद कुछ छात्र सुप्रीम कोर्ट चले गये थे और सुप्रीम कोर्ट में रिजल्ट पर रोक की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने क्लैट आयोजन समिति को ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम बनाकर छात्रों की शिकायत सुनने को कहा था और रिजल्ट पर रोक से इन्कार कर दिया था. इसके बाद क्लैट ने 31 मई को रिजल्ट जारी किया था. रिवाइज्ड सूची के जारी होने के बाद पहले के रैंकर्स की सूची पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.
जजों की बनी थी समिति : सीएनएलयू, पटना की एडमिशन कमेटी की संयोजक डॉ एसपी सिंह ने बताया कि छात्रों की शिकायत को सुनने के लिए क्लैट आयोजन करने वाली द नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लीगल स्टडीज कोच्ची ने रिटायर्ड जजों की समिति बनायी थी, जिसमें छात्रों को ऑनलाइन शिकायत करने को कहा गया. करीब सात हजार छात्रों ने समिति के पास शिकायत की, इनमें से 4690 छात्र-छात्राओं की शिकायतों को जायज माना गया.
इसलिए इन छात्रों की रैंक लिस्ट दोबारा जारी होगी. यानी इन्हें ज्यादा अंक मिलेंगे. क्लैट 13 मई को 65 शहरों में 258 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित हुआ था. इसके लिए 58275 छात्रों ने फॉर्म भरा था, जिनमें 54644 छात्रों ने परीक्षा दी थी. पटना में 2200 छात्र शामिल हुए थे.
कंपेनसेंट्री फॉर्मूला पर निकाला जायेगा रिजल्ट
छात्रों की शिकायत के बाद कंपेनसेंट्री फॉर्मूला अपनाकर रिवाइज्ड रिजल्ट जारी किया जायेगा. जैसे किसी छात्र को 7200 सेकेंड परीक्षा के लिए मिलने थे, उसे 6647 सेकेंड मिले और इतने वक्त में छात्र ने 172 प्रश्नों को अटेंप्ट किया. इनमें से 125 सही और 47 गलत हुए. अभी इस छात्र को 113.25 अंक मिले.
यानी छात्र ने एक प्रश्न को हल करने में 38.65 सेकेंड लिये. परीक्षा में निगेटिव मार्किंग भी है. इस आधार पर यह माना गया कि छात्र को 7200 सेकेंड मिलते तो वह इस औसत से 186 सवालों को हल करता. इनमें 51 गलत होते और बाकी सही होते. इस आधार पर उसे 122.25 अंक मिलते और वह रैंक लिस्ट में ऊपर होता. यही फॉर्मूला सभी 4690 छात्रों के लिए लगाया गया है. रिवाइज्ड रिजल्ट से यह लाभ होगा कि इस आधार पर छात्र को अच्छा संस्थान मिल जायेगा. ज्यादा अंक मिलने से उसका रैंक ऊपर जायेगा और वह अच्छे संस्थान में नामांकन ले सकेगा.
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