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2.7 करोड़ की लागत से होगा पटना एयरपोर्ट पर फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर का निर्माण, जानें
पटना : 2.7 करोड़ की लागत से पटना एयरपोर्ट पर फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर का निर्माण होगा. इसके लिए टेंडर आमंत्रित किया जा चुका है. इस महीने के अंत तक काम अवार्ड कर दिया जायेगा. अक्तूबर तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है. सिक्युरिटी होल्ड एरिया के विस्तार के लिए इस फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर का निर्माण किया जा […]
पटना : 2.7 करोड़ की लागत से पटना एयरपोर्ट पर फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर का निर्माण होगा. इसके लिए टेंडर आमंत्रित किया जा चुका है. इस महीने के अंत तक काम अवार्ड कर दिया जायेगा. अक्तूबर तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है. सिक्युरिटी होल्ड एरिया के विस्तार के लिए इस फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर का निर्माण किया जा रहा है. इसके बन जाने से अत्यधिक भीड़-भाड़ की स्थिति में यात्रियों को राहत मिलेगी और उनके लिए विमान का इंतजार करना आसान हो जायेगा.
625 वर्गमीटर में किया जायेगा निर्माण
फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर की लंबाई और चौड़ाई 25-25 मीटर होगी. यह 625 वर्गमीटर में फैला होगा और इसमें 400 लोगों के बैठने की क्षमता होगी.
इसका निर्माण पूरा होने से पटना एयरपोर्ट के सिक्युरिटी होल्ड एरिया की क्षमता बढ़ कर दोगुनी हो जायेगी. इसके निर्माण के लिए पोर्टा केबिन का इस्तेमाल किया जायेगा. इससे न केवल जल्द निर्माण कार्य पूरा होगा, बल्कि निर्माण पर लागत भी कम आयेगी. साथ ही जरूरत खत्म हो जाने के बाद इसे हटाना और दूसरी जगह इस्तेमाल करना भी आसान होगा.
एक-दो माह में शुरू होगा निर्माण
पटना एयरपोर्ट पर नये टर्मिनल भवन का निर्माण एक-दो माह में शुरू होने वाला है. इसके लिए अप्रैल में टेंडर किया गया था, जिसे पिछले महीने खोला गया है. शर्तों को पूरा करनेवाले संवेदकों के नाम वित्त विभाग को भेजा गया है. वहां से वित्तीय सहमति प्राप्त होने के बाद एल-1 टेंडर भरनेवाले संवेदक को काम सौंप दिया जायेगा. जुलाई माह के अंत या अगस्त की शुरुआत में काम शुरू होने की संभावना है. लेकिन काम शुरू होने के बाद भी पूरा होने में कम-से-कम तीन साल लगेगा.
जाड़े में बढ़ जाती है परेशानी
पटना एयरपोर्ट की सालाना क्षमता केवल पांच लाख यात्रियों की है, जबकि इससे आनेजाने वाले यात्रियों की संख्या 30 लाख सालाना से भी अधिक हो गयी है. ऐसे में टर्मिनल भवन के चेक इन और सिक्युरिटी होल्ड एरिया में हर समय यात्रियों का दबाव रहता है. सामान्य दिनों में तो फ्लाइट के स्लॉट मैनेजमेंट की ओर से समस्या को नियंत्रित रखा जाता है, लेकिन कई विमानों के देर होने और एक साथ पहुंचने पर स्थिति संभालना मुश्किल होता है.
जाड़े में घने धुंध और कोहरा के कारण यह स्थिति बार-बार आती है. कई बार तो भीड़ इतनी बढ़ जाती है कि 400 की जगह डेढ़-दो हजार तक लोग सिक्यूरिटी होल्ड एरिया में एक साथ आ जाते हैं. ऐसी स्थिति से निबटने में अब एयरपोर्ट प्रबंधन को सुविधा होगी और हवाई यात्रियों की परेशानी घट जायेगी.
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