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पटना : पूर्व डीजीपी के हाउस गार्ड ने खुद को मारी गोली

पटना : गर्दनीबाग थाने के अनिसाबाद पुलिस कॉलोनी में स्थित बिहार के पूर्व डीजीपी डीपी ओझा के हाउस गार्ड हवलदार विजेंद्र सिंह ने खुद को गोली मार खुदकुशी का प्रयास किया. उसने अपने साथी के एसएलआर की नली को गर्दन में सटा फायर कर दी, जिसके कारण गोली गले से होते हुए नाक को चिरती […]

पटना : गर्दनीबाग थाने के अनिसाबाद पुलिस कॉलोनी में स्थित बिहार के पूर्व डीजीपी डीपी ओझा के हाउस गार्ड हवलदार विजेंद्र सिंह ने खुद को गोली मार खुदकुशी का प्रयास किया.
उसने अपने साथी के एसएलआर की नली को गर्दन में सटा फायर कर दी, जिसके कारण गोली गले से होते हुए नाक को चिरती हुई बाहर निकल गयी. घटना के बाद विजेंद्र सिंह को इआईजीआईएमएस में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बतायी जाती है. वह जीवन और मौत के बीच लड़ रहा था. इधर घटना का कोई स्पष्ट कारण नहीं मिल पाया है, लेकिन उसके संबंध में यह जानकारी मिली है कि वह कुछ दिनों से परेशान था.
वह पारिवारिक कारणों से परेशान थे या फिर अपने निजी कारणों से, इस संबंध में जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकती है. इस संबंध में गर्दनीबाग थाने में खुदकुशी के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है और पुलिस ने हथियार को जब्त कर लिया है. बताया जाता है कि विजेंद्र सिंह चार मई को ही पूर्व डीजीपी के घर पर हाउस गार्ड के रूप में तैनात हुआ था और उसे हाउस गार्ड में अन्य गार्ड व कर्मियों के साथ रहने के लिए कमरा दिया गया था. विजेंद्र सिंह बीएमपी दो में हवलदार के पद पर कार्यरत थे और मूल रूप से यूपी के गाजीपुर का रहनेवाले हैं.
सुबह साढ़े पांच बजे गोली की आवाज पर लोग कमरे की ओर भागे : शुक्रवार की सुबह में साढ़े पांच बजे सभी गार्ड व कर्मचारी अपने-अपने काम में मगन थे और नित्य क्रिया से निवृत्त हो रहे थे.
कमरे में कोई नहीं था. पूर्व डीजीपी भी अपने परिवार के साथ आवास में थे. इसी बीच गोली की आवाज सुनाई पड़ी, तो सभी लोग दौड़ कर कमरे में पहुंचे, तो पाया कि विजेंद्र सिंह खून से लथपथ गिरा पड़ा है और हथियार बगल में पड़ा है. इसके बाद उसे तुरंत ही आनन-फानन में इलाज के लिए आईजीआईएमएस ले जाया गया, जहां उसकी हालत नाजुक थी.
आईजीआईएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डाॅ मनीष मंडल ने बताया कि छह बजे सुबह में उन्हें आईजीआईएमएस में लाया गया और फिर ऑपरेशन किया गया है. उन्होंने बताया कि गोली के कारण जबड़ा की हड्डी व जीभ तीन टुकड़ों बंट गये थे. बुलेट ठुड़ी से होते हुए नाक को चिरती हुई बायीं आंख की दायीं ओर को नुकसान पहुंचाते हुए निकल गयी.
किसी को नहीं होने दिया एहसास
वहां के लोगों के अनुसार रात में उसने सबके साथ खाना खाया था और किसी को अपनी परेशानी के विषय में जानकारी तक नहीं दी थी. उसके चेहरे से यह जरूर प्रतीत होता था कि वह काफी अंदर से परेशान है. सुबह में सभी लोग अपने-अपने काम में लगे थे और इसी बीच गोली की आवाज सुनकर अंदर कमरे में गये थे वे खून से लथपथ गिरा था
घटना की जानकारी मिलने पर उनके परिजन भी आईजीआईएमएस पहुंच चुके थे. हालांकि, परिजनों का कहना था कि सब कुछ ठीक चल रहा था. आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया उन लोगों को जानकारी नहीं है. विजेंद्र सिंह के पुत्र ने भी घर में कुछ भी पारिवारिक विवाद होने से इन्कार कर दिया.

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