पटना : इसे जागरूकता कहें या मरने का डर या फिर मंहगाई का असर. राज्य में सिगरेट का सेवन करनेवालों की संख्या में कमी आयी है. हालांकि ऐसा नहीं है कि तंबाकू के शौकीन नहीं हैं. सिगरेट और बीड़ी पीनेवालों की संख्या कमी है, लेकिन खैनी ठोंकनेवालों की कमी नहीं है. गुटखा के शौकीन भी […]
पटना : इसे जागरूकता कहें या मरने का डर या फिर मंहगाई का असर. राज्य में सिगरेट का सेवन करनेवालों की संख्या में कमी आयी है. हालांकि ऐसा नहीं है कि तंबाकू के शौकीन नहीं हैं. सिगरेट और बीड़ी पीनेवालों की संख्या कमी है, लेकिन खैनी ठोंकनेवालों की कमी नहीं है. गुटखा के शौकीन भी कम नहीं हैं. तंबाकू सेवन को लेकर केंद्र व राज्य सरकार गंभीर है. इसके खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. तंबाकू के खिलाफ चलनेवाले अभियान में जीओ (गर्वमेंट) और एनजीओ ( नन गर्वमेंट) मिल कर अच्छा काम कर रहे हैं. सिगरेट पीनेवालों की कमी का असर यह है कि सिगरेट बनानेवाली जिस कंपनी का 75 फीसदी मार्केट पर कब्जा है,
वह खाद्य सामग्री से लेकर आॅफिस स्टेशनरी तक के व्यवसाय में कूद गयी है. सीड्स इस दिशा में राज्य सरकार के साथ मिल कर काम कर रही है. तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में काम करनेवाले लोगों का मानना है कि सिगरेट या तंबाकू का कितना कारोबार होता है इसका कोई प्रामाणिक आंकड़ा तो नहीं मिलता है, लेकिन यह घाटे का व्यवसाय नहीं है. सरकार के कड़े कानून का काट भी कंपनियां निकाल लेती है. गुटखा पर कड़ाई हुई, तो उसका रास्ता निकाल लिया गया.
दो तरह से होता है तंबाकू का सेवन
तंबाकू का सेवन दो तरह से होता है एक धुआं युक्त और एक घुआं रहित.धुआं वाले तंबाकू में बीड़ी से लेकर सिगरेट आता है जबकि धुआं रहित तंबाकू में खैनी, गुटखा आदि. तंबाकू का लोग उपयोग न करें इसके लिए अब स्कूलों से ही इसके खिलाफ अभियान चलेगा. स्कूली बच्चों को तंबाकू का दुष्परिणाम बताया जायेगा. कृषि विभाग अब तंबाकू की जगह वैकल्पिक फसल खासकर फूल की खेती को बढ़ावा देगा. राज्य व जिला स्तर पर तंबाकू के खिलाफ सधन अभियान चलेगा. पटना नगर निगम की तर्ज पर तंबाकू उत्पाद बेचने के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता के लिए नगर विकास विभाग दिशानिर्देश जारी करेगा.
तंबाकू सेवन में आयी कमी
सूबे में तंबाकू सेवन करनेवालों की संख्या में कमी आयी है. पांच साल पहले राज्य में 53.5 फीसदी लोग तंबाकू का सेवन करते थे, जो अब घट कर 25.9 फीसदी हो गयी है. इतनी गिरावट देश के अन्य राज्यों में नहीं हुई है. सूबे में महिलाएं भी तंबाकू उत्पादों का सेवन करती हैं. राज्य में पहले 14.2 फीसदी लोग सिगरेट और बीड़ी का सेवन करते थे अब यह घट कर 5.8 फीसदी हो गयी है. खैनी खानेवालों की संख्या 49 से घट कर 20.4 फीसदी हुई है. 3.7 फीसदी लोग गुटखा का सेवन कर रहे हैं.