पटना: चितकोहरा पुल के नीचे जगजीवन नगर में बसी झोंपड़पट्टी में गुरुवार की रात आग लगने से 20 झोंपड़ियां राख हो गयीं. इससे हजारों की संपत्ति जल कर खाक हो गयी. एक-दो झोंपड़ियों में गैस सिलिंडर भी फटे.
एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. लोगों का गुस्सा दमकल पर टूटा और एक युवक ने गाड़ी पर पथराव कर दिया, जिससे आगे का शीशा टूट गया. आग बुझने के बाद कुछ लोग अपना सामान खोजने के लिए झोंपड़ियों के अंदर गये, तो करेंट प्रवाहित हो रहा था, जिसके कारण उन लोगों को हल्का झटका लगा. बताया जाता है कि प्लास्टिक के कवर जल जाने से तार खुला होने और पानी के कारण करेंट प्रवाहित होने लगा था. एक महिला रीता देवी अपने दो माह के बेटे को गोद में उठाये हुए सामान को हटाने का प्रयास कर रही थी, जिसके कारण उसे और उसके बेटे को भी हल्का करेंट लगा. झटका जीतेंद्र, छोटू, राजा, फिरोज, उमेश को भी लगा. एक युवक आग से झुलस गया.
खाना बनाने के दौरान लगी आग
जगजीवन नगर में करीब 70 झोंपड़ियां हैं. दुलारी देवी के घर में खाना बनाने के दौरान आग लग गयी.आग ने धीरे-धीरे अगल-बगल की सारी झोंपड़ियों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया. लोगों ने अपने सामान को निकालने का प्रयास किया, लेकिन आग की भयावहता के कारण हिम्मत नहीं जुटा पाये और सारी संपत्ति जल कर खाक हो गयी. देखते-ही-देखते उनकी आंखों के सामने ही जिंदगी भर की कमाई जल कर खाक हो गयी. अगलगी के शिकार बने लोग छोटे-मोटे काम कर अपना जीवनयापन चलाते है. कोई रिक्शा चलाता है, तो कोई होटल में काम करता है.
काफी मेहनत से इन लोगों ने एक-एक पैसे जोड़ कर अपना आशियाना बनाया था, लेकिन सब जल चुका था और सड़क पर आ चुके थे. अगलगी में कपाली, दुलारी देवी, विक्की, तिरिया नट, राजेंद्र नट, छोटी नट, राजेंद्र नाथ, वीरन, शिवम, मोनी, लालबाबू, महेंद्र, प्रमोद, सुरेंद्र नाथ आदि की झोंपड़ियां जल गयीं. जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच कर राहत पहुंचाने की कार्रवाई में जुट गये थे.