36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार : किफायती आवास के लिए अभी करना होगा इंतजार, जानें क्‍यों नहीं बढ़ पा रहा काम

ठंडे बस्ते में योजना, नहीं बढ़ पा रहा काम, स्लम के पुनर्विकास के प्रोजेक्ट भी नहीं हुए चिह्नित पटना :शहरी निकायों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर व निम्न आय वर्ग लोगों को किफायती आवास उपलब्ध कराने की योजना ठंडे बस्ते में है. बिहार सरकार की किफायती आवास और मलिन बस्ती (स्लम) पुनर्वास एवं […]

ठंडे बस्ते में योजना, नहीं बढ़ पा रहा काम, स्लम के पुनर्विकास के प्रोजेक्ट भी नहीं हुए चिह्नित
पटना :शहरी निकायों में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर व निम्न आय वर्ग लोगों को किफायती आवास उपलब्ध कराने की योजना ठंडे बस्ते में है. बिहार सरकार की किफायती आवास और मलिन बस्ती (स्लम) पुनर्वास एवं पुनर्विकास आवास नीति 2017 लागू होने के बाद भी इस वर्ग के लोगों को योजना का फायदा नहीं मिल पा रहा. वर्ष 2017-22 की अवधि में ऐसे करीब पांच लाख मकान के निर्माण का लक्ष्य है, लेकिन शहरी निकाय या विभाग इनके लिए प्रोजेक्ट तक चिह्नित नहीं कर पा रहा.
सभी आवास योजनाओं में अनिवार्य उपबंध : इस नीति के तहत किसी भी सरकारी निकाय या निजी डेवलपरों द्वारा निर्मित किये जाने वाले 4000 वर्ग मीटर या उससे अधिक की परियोजनाओं में 35 फीसदी आवास आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए अनिवार्य रूप से उपबंधित करना है.
इसके साथ ही निजी डेवलपरों को प्रोत्साहन देकर निजी निवेश, पीपीपी मोड के आधार पर सरकारी जमीन पर निर्माण तथा केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न स्कीमों के माध्यम से लागत घटा कर इन वर्गों के लिए आवास का प्रावधान सुनिश्चित करना है. लेकिन, तमाम योजनाएं फिलहाल फाइलों में ही चलती दिख रही हैं.
2017-22 की अवधि में ऐसे करीब पांच लाख मकान के निर्माण का लक्ष्य है
35 फीसदी आवास आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मॉनीटरिंग
इन परियोजनाओं की स्वीकृति व मॉनीटरिंग के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्वीकृति एवं अनुश्रवण समिति भी गठित है. इसमें विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव, एमडी व मुख्य अभियंता सदस्य हैं. साथ ही निकाय स्तर पर भी मेयर या सभापति की अध्यक्षता में समितियां गठित हैं, लेकिन काम आगे नहीं बढ़ पा रहा.
निर्माण कर किया जायेगा आवंटन
निजी डेवलपरों द्वारा निर्मित आवास लाभुकों को आवंटित किये जायेंगे. एक आवेदक एक ही फॉर्म भर सकेंगे. आवंटन के दस साल तक इन आवासों की बिक्री नहीं की जा सकेगी. आवेदकों के लिए पंजीयन शुल्क कमजोर वर्ग के लिए 1000 रुपये, जबकि निम्न आय वर्ग के लिए 2000 रुपये निर्धारित है.
समयबद्ध निर्माण का विभाग का संकल्प
आवास नीति के तहत इन प्रोजेक्टों का निर्माण समयबद्ध तरीके से किया जाना है. मसलन 200 इकाई से कम के आवास के लिए 30 माह, 200 से 400 आवास इकाई के लिए 36 माह, 400 से 600 आवास इकाई के लिए 42 माह और 600 से अधिक आवास इकाई के लिए 48 माह का समय निर्धारित है. कमजोर वर्ग के लिए आय की वार्षिक अधिकतम सीमा तीन लाख रुपये, जबकि निम्न आय वर्ग के लिए तीन से छह लाख रुपये तय की गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें