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पटना : जानें कैसे आसिफा के बहाने देश की छवि को पहुंचाया जा रहा है नुकसान
पटना : जम्मू के कठुआ की आठ वर्षीय आसिफा के साथ हुए जघन्य अपराध की चर्चा आज हर जुबां पर है. इसके विरोध में देश भर से आवाजें उठ रही हैं. आसिफा को इंसाफ दिलाने के लिए हर धर्म, हर वर्ग, हर तबका अपने-अपने तरीके से आगे आ रहा है. लेकिन, इन आवाज के बीच […]
पटना : जम्मू के कठुआ की आठ वर्षीय आसिफा के साथ हुए जघन्य अपराध की चर्चा आज हर जुबां पर है. इसके विरोध में देश भर से आवाजें उठ रही हैं. आसिफा को इंसाफ दिलाने के लिए हर धर्म, हर वर्ग, हर तबका अपने-अपने तरीके से आगे आ रहा है.
लेकिन, इन आवाज के बीच कुछ देशविरोधी तत्व भी अपना एजेंडा चला रहे हैं. सोशल मीडिया पर चल रहे कैंपेन हैशटैग ‘ जस्टिस फॉर आसिफा’ में कुछ ऐसे लोग भी जुड़े हैं, जिनको इन कैंपेन से कोई मतलब नहीं है, वो सिर्फ देश विरोधी स्लोगन व पोस्ट के माध्यम से विदेशों में देश की छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे पोस्ट तेजी से वायरल हो रहे हैं. इन पर न तो सोशल मीडिया टूल्स का नियंत्रण है और न ही सरकार का.
‘महिलाओं को भारत भेजने से बचें ’
इस कैंपेन के तहत एयरपोर्ट पर टी-शर्ट पहने कुछ युवकों की तस्वीर खूब वायरल हो रही है. इनमें एक युवक ने अपने टी-शर्ट के पीछे अंग्रेजी में लिखवा रखा है ‘ बीवेयर इन सेंडिंग योर फिमेल्स टू इंडिया ‘ (अपनी महिलाओं को भारत भेजने में सावधान रहें). यह तस्वीर इस्तांबुल एयरपोर्ट की बतायी जा रही है.
ऐसे ही किसी एयरपोर्ट के बाहर एक युवक ने अपनी टी-शर्ट के पीछे लिखा- ‘ वीमेंस आर नॉट वर्दी एस काउज इन इंडिया ‘ (भारत में महिलाएं गाय जितनी भी कीमती नहीं). एक छोटी सी बच्ची की फोटो भी वायरल है, जिसमें विदेशियों से अपील करते दिखाया जा रहा है कि – भारत का दौरा न करें, आपके बच्चे यहां बीजेपी या आरएसएस द्वारा रेप किये जा सकते हैं.
धर्म को भी बनाया जा रहा निशाना
जम्मू पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक आसिफा के साथ घटना कठुआ के किसी मंदिर में हुई है. इसको देखते हुए सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाने वाले कुछ लोग हिंदू धर्म को भी निशाने पर ले रहे हैं. भगवान शंकर के त्रिशूल और शिवलिंग को दिखा कर उसका उपहास उड़ाने का प्रयास किया जा रहा है. दरअसल कुछ लोग धर्म की आड़ में दो समुदायों को आपस में भड़का कर अपना उल्लू साधने का प्रयास कर रहे हैं. मामले को राजनीतिक रंग भी दिया जा रहा है. अगर ऐसा रहा तो आसिफा को इंसाफ मिले न मिले, दो समुदायों के बीच में खाई जरूर गहरी हो जायेगी.
सोशल मीडिया पर प्रचारित तमाम चीजें सही नहीं हो सकती हैं. इसमें कुछ भी करने या कोई कमेंट करने से पहले सावधानी बरतने की जरूरत है. शरारती तत्वों की यह हरकत भी हो सकती है. जब तक इस संबंध में शिकायत नहीं आती या कोई इस तरह की घटना नहीं होती है, तो इस पर कार्रवाई नहीं की जा सकती है. – जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, आर्थिक अपराध इकाई
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