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अपनी क्रियेटिविटी को दें आयाम और मुकाम, आर्ट की पढ़ाई के लिए बिहार-झारखंड का एक मात्र कॉलेज कला व शिल्प महाविद्यालय
पटना : अगर आपको पेंटिंग, ग्राफिक्स, स्कल्पचर, प्रिंट मेकिंग में डिग्री हासिल करनी है, तो बिहार-झारखंड का एक मात्र कॉलेज कला व शिल्प महाविद्यालय है. यह कॉलेज कला के क्षेत्र में काफी नाम कमाया है. यहां से पढ़े कई कलाकार नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर नाम कमा रहे हैं. बैचलर ऑफ फाइन आर्ट (बीएफए) से […]
पटना : अगर आपको पेंटिंग, ग्राफिक्स, स्कल्पचर, प्रिंट मेकिंग में डिग्री हासिल करनी है, तो बिहार-झारखंड का एक मात्र कॉलेज कला व शिल्प महाविद्यालय है. यह कॉलेज कला के क्षेत्र में काफी नाम कमाया है. यहां से पढ़े कई कलाकार नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर नाम कमा रहे हैं. बैचलर ऑफ फाइन आर्ट (बीएफए) से डिग्री हासिल करनेवाले स्टूडेंट्स 15 जून तक आवेदन कर सकते हैं. 60 सीटों पर एडमिशन के लिए 20 अप्रैल से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
आॅर्ट्स कॉलेज की स्थापना स्वर्गीय राधामोहन द्वारा गोविंद मित्रा रोड, पटना में सरस्वती पूजा के दिन 25 जनवरी, 1939 मेंकिया गया. भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद कॉलेज की प्रबंधन समिति के पहले सदस्य थे.
1949 में भारत सरकार ने बिहार सरकार को कॉलेज का नियंत्रण दे दिया. 1957 में कॉलेज को छात्र हॉस्टल सहित नवनिर्मित भवन विद्यापति मार्ग, पटना में स्थानांतरित किया गया था. पहले यहां कला व शिल्प में पांच वर्षीया डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित किया जाता था. बिहार सरकार ने 12 अप्रैल, 1977 को कॉलेज पटना यूनिवर्सिटी को सौंप दिया और डिप्लोमा कोर्स को डिग्री कोर्स में तब्दील कर दिया गया.
तीस वर्षों के बाद हुआ था बदलाव
बिहार और झारखंड का एक मात्र कला व शिल्प महाविद्यालय में पिछले वर्ष से कुछ महत्वपूर्ण बदलाव होने शुरू हो गये हैं. तीस साल से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया था.
लेकिन, कॉलेज में पहली बार 2012 में कला व शिल्प महाविद्यालय का पांच वर्षीया बीएफए प्रोग्राम चार वर्ष का हो गया था. पहले इस कोर्स में दाखिला 10वीं के बाद होता था व अवधि पांच साल की थी. लेकिन, सत्र 2012-13 में दाखिला 12वीं के बाद हो गया व अवधि चार साल की.
साथ ही इसमें सेमेस्टर सिस्टम भी लागू हो गया. देश के लगभग सभी नामी महाविद्यालयों में बीएफए दाखिला 12वीं के बाद होता था. इस कारण यहां के छात्रों को दूसरी जगह एमएफए में दाखिला लेने में दिक्कत आती थी.
कॉलेज में दो खूबसूरत आर्ट गैलरी मौजूद हैं.
यहां स्टूडेंट्स अपने खुद के वर्क को डिसप्ले भी कर सकते हैं. सरकार की ओर से कॉलेज में एक और नया आर्ट गैलरी बनाया गया है. साथ ही यहां कलाकारों को ठहरने के लिए गेस्ट रूम भी तैयार किया जायेगा.
काफी कुछ सीखने को है कॉलेज में
कॉलेज के प्राचार्य बताते हैं कि कला व शिल्प महाविद्यालय का इतिहास पुराना है. यहां पर हर कला की विधा छात्रों को बतायी जाती है. इसमें छात्र को कला के हर माध्यम को अच्छे तरीके से बताया जाता है. समय-समय पर यहां बड़े-बड़े कलाकार आकर छात्र को प्रशिक्षण देते हैं. इसके साथ आर्ट वर्क के लिए कॉलेज में कई सुविधाएं स्टूडेंट्स को मिलते हैं. यहां के स्टूडेंट्स को बेहतर प्लेटफॉर्म दिया जाता है.
हॉस्टल की है व्यवस्था
कॉलेज में हॉस्टल की भी व्यवस्था है. इसके लिए 28 सीटें हैं. पटना से बाहर के छात्रों को हॉस्टल उपलब्ध करायी जाती है. इसके लिए उन्हें काफी कम फीस का भुगतान करना पड़ता है. कॉलेज में लड़कियों के लिए भी हॉस्टल बनने की बात हो रही है. इसके लिए भी यूनिवर्सिटी से लेकर सरकारी स्तर पर विचार चल रहे हैं. हॉस्टल बनने से काफी सहूलियत होगी.
एमएफए पढ़ाई जल्द होगी शुरू
स्टूडेंट्स को इस सत्र से एमएफए करने का मौका
मिल सकता है. अगर राजभवन से अनुमति मिलती है, तो इसी सत्र से एमएफए (मास्टर की फाइन आर्ट) की पढ़ाई शुरू होगी. इसके लिए पीयू ने अलग से विभाग बनाने की घोषणा भी कर दी है. फाइन आर्ट के लिए पीयू अलग से विभागकी स्थापना करेगा. इसकी तैयारी भी जोर-शोर से चल रही है.
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