पटना सिटी: भू-अजर्न के नियमों को दरकिनार कर बगैर जमीन अधिग्रहण किये और मुआवजा राशि दिये बिना निर्माण एजेंसी गंगा के सौंदर्यीकरण का कार्य कर रही है. इसका विरोध जमीन मालिकों ने शुरू कर दिया है.
सोमवार की सुबह भद्रघाट पर निर्माण एजेंसी के लोग श्रमिकों के साथ पायलिंग करने पहुंचे, तो सूचना पाकर जमीन मालिक भी वहां आ धमके और जबरदस्त विरोध करने लगे. विरोध कर रहे लोगों का कहना था कि राज्य सरकार द्वारा गंगा के सौंदर्यीकरण हेतु भूमि अधिग्रहण के प्रस्ताव को लेकर आज तक भू-अजर्न अधिनियम के तहत हमलोगों को नोटिस नहीं मिला है, जबकि निर्माण एजेंसी वहां कार्य कराने को आमादा है. उधर लोगों के विरोध व हंगामा को देखते हुए कंपनी के कर्मचारियों ने एसएसपी को इसकी सूचना फोन से दी. एसएसपी के आदेश पर मौके पर पहुंची आलमगंज थाने की पुलिस ने लोगों को समझा-बुझा कर शांत किया. जमीन मालिकों का कहना है कि वे मामले को उच्चधिकारियों के पास ले जायेंगे, वहां भी बात नहीं बनी, तो पटना हाइकोर्ट की शरण लेंगे.
न्यायालय में चल रहा मामला : जमीन मालिकों ने बताया कि जहाजरानी की ओर से गायघाट स्थित उनकी जमीन का बगैर मुआवजा दिये इस्तेमाल किया गया. उनलोगों ने बताया कि इसको लेकर 26 जमीन मालिकों का पटना उच्च न्यायालय में सीडब्ल्यू जेसी 16742/2012 और 10943/2005 के तहत पटना उच्च न्यायालय में मामला चल रहा है, जबकि गंगा पथ-वे निर्माण के लिए भी जमीन मालिकों की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है.
सात लोगों की है जमीन
सैयद अली असद, राहुल राज, विजय कुमार समेत कुल सात लोगों की जमीन है. जमीन मालिकों ने बताया कि गंगा सौंदर्यीकरण के लिए सात लोगों की जमीन को बगैर अधिग्रहित किये निर्माण कार्य आरंभ किया जा रहा है. मालिकों ने बताया कि सौंदर्यीकरण का कार्य बुडको की ओर से कराया जा रहा है और यह कार्य महावीर घाट, भद्र घाट व नौजर घाट पर होना है.