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बिहार : उर्दू शिक्षकों की बहाली की बाधाएं जल्द की जायेंगी दूर, अब मदरसे के छात्रों को भी मिलेगा पुरस्कार : नीतीश कुमार

चार या पांच अप्रैल को उच्चस्तरीय बैठक कर निकाला जायेगा समाधान पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उर्दू शिक्षकों की बहाली की बाधाओं को दूर किया जायेगा. हमने राज्य में करीब 27 हजार उर्दू शिक्षकों को बहाल करने की योजना बनायी. लेकिन, अफसोस होता है कि अभी तक यह मामला पेंडिंग है. चिंता […]

चार या पांच अप्रैल को उच्चस्तरीय बैठक कर निकाला जायेगा समाधान
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उर्दू शिक्षकों की बहाली की बाधाओं को दूर किया जायेगा. हमने राज्य में करीब 27 हजार उर्दू शिक्षकों को बहाल करने की योजना बनायी. लेकिन, अफसोस होता है कि अभी तक यह मामला पेंडिंग है. चिंता मत करिए, इसका समाधान जरूर होगा.
विधानमंडल के बजट सत्र के बाद चार या पांच अप्रैल को विषय के जानकार पांच-सात लोगों को लेकर आइए. शिक्षा मंत्री और प्रधान सचिव की उपस्थिति में मामले की पूरी रिपोर्ट लेकर उसका समाधान किया जायेगा. उन्होंने कहा कि हमारा इरादा सिर्फ बहाली नहीं, बल्कि ऐसे उर्दू शिक्षक बहाल करना है जो अपने स्टूडेंट को उर्दू पढ़ा सकें और सिखा सकें. मुख्यमंत्री मंगलवार को रवींद्र भवन में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गुलाम सरवर की जयंती पर आयोजित उर्दू दिवस समारोह में बोल रहे थे.
उर्दू अल्पसंख्यक समाज नहीं, हर व्यक्ति की भाषा
मुख्यमंत्री ने कहा कि उर्दू दमदार भाषा है. इसके शब्द बहुत प्रभावी हैं. हर युवा को यह सीखनी चाहिए. कोई भी भाषा किसी संप्रदाय की कैसे हो सकती है? उर्दू पूरी तरह देशी और हिंदुस्तान की भाषा है. हिंदी-उर्दू का संबंध एक दूसरे के साथ होगा तो दोनों भाषाएं समृद्ध होती चली जायेंगी.
घर से उर्दू के खिदमत की हो शुरुआत
इससे पहले पूर्व मंत्री अब्दुल गफूर और कार्यक्रम के आयोजक सह पूर्व विधान पार्षद गुलाम गौस ने उर्दू के प्रसार के लिए लोगों को सरकार पर ही आश्रित रहने के बजाय अपने घर से खिदमत करने की सलाह दी. उन्होंने उर्दू शिक्षकों की बहाली व उर्दू टीईटी छात्रों के गतिरोध का मसला भी उठाया.
कार्यक्रम को राज्यसभा सांसद कहकशां परवीन, विधायक रामानुज प्रसाद, आजाद गांधी, अशरफ अस्थानवी, अकबर अली और प्रो सलाहउद्दीन ने भी संबोधित किया. इस मौके पर सिराज अनवर, सैयद वजीउद्दीन, सुरैया देवी, मो शाबान, नौशाद और डॉ लक्ष्मीकांत सजल मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित हुए.
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गुलाम सरवर की जयंती पर उर्दू दिवस समारोह आयोजित
प्रथम श्रेणी से मध्यमा व उपशास्त्री पास करने वालों को भी छात्रवृत्ति देने पर विचार
पटना : शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने मंगलवार को विधान परिषद में कहा कि संस्कृत बोर्ड की मध्यमा (मैट्रिक) और उपशास्त्री (इंटर) की परीक्षाएं प्रथम श्रेणी में पास करने वाले छात्रों को भी छात्रवृत्ति देने पर विचार किया जायेगा. दिलीप कुमार चौधरी के ध्यानाकर्षण के जवाब में उन्होंने कहा, फिलहाल ऐसे छात्रों को सामान्य विषय के छात्रों की तरह ही छात्रवृत्ति देने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है. लेकिन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पर विचार किया जायेगा और इसके लिए उच्च स्तर पर सहमति बनाकर उचित निर्णय लेने की पहल की जायेगी.
शुरुआत में उन्होंने यह कहते हुए सिरे से इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया कि ऐसा कोई प्रावधान विभाग में नहीं है. लेकिन जब सभी सदस्यों ने इस मामले को लेकर शिक्षा मंत्री पर अलग-अलग तरह से दबाव बनाना शुरू किया, तो विभागीय मंत्री ने इसके लिए आ‌श्वासन दिया.
अब मदरसे के छात्रों को भी पुरस्कार
नीतीश कुमार ने कहा कि अल्पसंख्यक छात्रों के प्रथम श्रेणी से पास करने पर हमने सबसे पहले 10 हजार रुपये पुरस्कार देने की शुरुआत की. इसके चलते प्रथम श्रेणी से पास करने वाले अल्पसंख्यक छात्रों की संख्या 2200-2300 से बढ़ कर 25-26 हजार तक पहुंच गयी. इस साल से मदरसा पास करने वालों को भी पुरस्कार मिलेगा. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक युवाओं को उद्यम सहायता के लिए निर्धारित वार्षिक बजट राशि भी 25 करोड़ से बढ़ा कर 100 करोड़ रुपये कर दी गयी है. मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में गुलाम सरवर के योगदानों को याद करते हुए हर साल किसी तय तारीख पर भव्य आयोजन करने की सलाह दी.

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