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पटना : शहर से सटे इलाकों की जमीनों की कीमतें बढ़ेंगी

जमीन की न्यूनतम मूल्यांकन पंजी (एमवीआर) की दरों के रिवीजन का कार्य अंतिम चरण में पटना : जमीन की कीमतों में लगातार उछाल को देखते हुए निबंधन विभाग रजिस्ट्री की दरों में इजाफा करने जा रहा है. शहरी इलाकों में 10 से 12 फीसदी और उससे सटे इलाकों में 20 से 25 फीसदी तक सरकारी […]

जमीन की न्यूनतम मूल्यांकन पंजी (एमवीआर) की दरों के रिवीजन का कार्य अंतिम चरण में
पटना : जमीन की कीमतों में लगातार उछाल को देखते हुए निबंधन विभाग रजिस्ट्री की दरों में इजाफा करने जा रहा है. शहरी इलाकों में 10 से 12 फीसदी और उससे सटे इलाकों में 20 से 25 फीसदी तक सरकारी कीमतों में वृद्धि करने की तैयारी है. जमीन रजिस्ट्री की कीमतों में बढ़ोतरी की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. रजिस्ट्री कार्यालयों में रजिस्ट्री कराने वालों की भीड़ बढ़ गयी है. इसे देखते हुए विभाग द्वारा जिला निबंधन कार्यालय को छुट्टी के दिनों में खोले जाने का निर्देश जारी किया गया है.
निबंधन विभाग द्वारा करायी जा रही जमीन की न्यूनतम मूल्यांकन पंजी (एमवीआर) की दरों के रिवीजन का कार्य अंतिम चरण में है. ग्रामीण न्यूनतम मूल्यांकन पंजी की दरों का रिवीजन पिछले चार वर्षों से नहीं हुआ है. इससे पहले वर्ष 2013 में एमवीआर का रिवीजन किया गया था. जबकि शहरी एमवीआर का रिवीजन 2016 में किया गया था.
मूल्यांकन समिति लेती है निर्णय : जिला मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष डीएम होते हैं. जिला अवर निबंधक इसके सचिव और अपर समाहर्ता, सभी डीसीएलआर, सभी सीओ, नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी व सभी अवर निबंधक कमेटी के सदस्य होते हैं. इस कमेटी की अनुशंसा पर ही जमीन की रजिस्ट्री की कीमतें घटायी या बढ़ायी जाती हैं.
इन इलाकों के सर्किल रेट अधिक बढ़ेंगे
दानापुर से सटे मनेर, मुस्तफापुर, शिवाला, रूकनपुरा, सगुना, मैनपुर, जलालपुर, धनौर, सैदपुर, बिहटा, फुलवारी से सटे शेखपुरा, खेमनीचक, बाइपास से सटे इलाके, भोगीपुर, दरियापुर, भेलवारा, बेऊर, तेजप्रताप, परसा, बैरिया, पटना सिटी से सटी पहाड़ी, रानीपुर, महेंद्रु, बहादुरपुर, कुम्हरार जकरियापुर, रशीदाचक, विक्रम से सटे इलाकों में नौबतपुर, पाली, मिसरपुर व मसौढ़ी के धनरूआ से सटे इलाकों में सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी है.
वर्तमान व्यवस्था
वर्तमान में जिले में दो तरह का एमवीआर है, शहरी व ग्रामीण. शहरी एमवीआर में कॉमर्शियल व इंडस्ट्रीयल, रेसिडेंशियल एवं विकासशील भूमि शामिल है. रेसिडेंशियल में चार कैटेगरी हैं. इनमें एनएच, एसएच व एमडीआर के किनारे, 15 फुट से कम व आठ फुट से अधिक चौड़ी सड़क, आठ फुट से कम चौड़ी सड़क व सड़क से दूर की भूमि शामिल हैं.
ग्रामीण एमवीआर में भी चार कैटेगरी हैं. इनमें काॅमर्शियल, रेसिडेंशियल विकासशील एवं कृषि भूमि शामिल हैं. इन सभी भूमि की रजिस्ट्री की दरें घटते क्रम में सभी मौजे के लिए अलग-अलग हैं.

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