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पटना : शराबबंदी में पुलिस ने किसी को नहीं बख्शा, जम्मू-कश्मीर से असम तक के शराब तस्कर सक्रिय

पटना : राज्य में जम्मू-कश्मीर से लेकर असम तक के शराब तस्कर सक्रिय हैं. झारखंड, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के लोगों की सबसे अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं. शराब की तस्करी रोकने के लिए पुलिस ने ‘अपनों’ तक को नहीं बख्शा है. शराब माफिया को मदद करने वाले 361 पुलिस कर्मियों पर अनुशासनिक कार्रवाई की गयी […]

पटना : राज्य में जम्मू-कश्मीर से लेकर असम तक के शराब तस्कर सक्रिय हैं. झारखंड, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के लोगों की सबसे अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं. शराब की तस्करी रोकने के लिए पुलिस ने ‘अपनों’ तक को नहीं बख्शा है. शराब माफिया को मदद करने वाले 361 पुलिस कर्मियों पर अनुशासनिक कार्रवाई की गयी है. विदेशी शराब सबसे अधिक खपायी जा रही है.
एडीजी मुख्यालय एसके सिंघल ने रविवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस में बताया कि राज्य में शराबबंदी कानून का सख्ती से पालन कराया जा रहा हैै बड़े सप्लायर व भंडारणकर्ताओं पर हम कार्रवाई कर रहे हैं. एक वर्ष में बिहार के बाहर के 610 शराब माफिया को गिरफ्तार किया गया है. एक अप्रैल 16 से 20 मार्च 18 के बीच 62 हजार 123 मामले दर्ज किये गये हैं.
92 हजार 111 लोगों की गिरफ्तारी की गयी है. 23 लाख 70 हजार 179 लीटर देशी और विदेशी शराब की बरामदगी की गयी है. 654 वाहन जब्त किये गये हैं. एडीजी ने बताया कि शराब तस्करी में 259 निजी भवन तथा 28 व्यावसायिक भवनों को सीज किया गया. आठ लाख 48 हजार 313 लीटर शराब को नष्ट किया गया.
एडीजी ने बताया कि शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के मामले में पुलिस पदाधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की गयी है. 169 पुलिस पदाधिकारियों व 132 कर्मियों के खिलाफ निलंबन और विभागीय कार्रवाई की गयी. 32 को सेवामुक्त व 63 पदाधिकारियों-कर्मचारियों का तबादला किया गया.
एक साल में 610 माफिया गिरफ्तार
बिहार में झारखंड, यूपी, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, पंजाब और नेपाल के शराब माफिया ने सबसे अधिकवारदातें की हैैं. एडीजी मुख्यालय ने बताया कि सबसे अधिक गिरफ्तारी इन्हीं प्रदेशों के माफिया की हुई है. झारखंड के 185, उत्तर प्रदेश 156, हरियाणा 112, पश्चिम बंगाल 59, नेपाल 26, राजस्थान 13, दिल्ली के 13 माफिया गिरफ्तार किये गये. असम, एमपी, महाराष्ट्र और उत्तराखंड के तीन-तीन तस्कर गिरफ्तार किये गये. छत्तीसगढ़ के दो, कर्नाटक, ओड़िश, जम्मू एवं कश्मीर के एक-एक तस्कर पकड़े गये.
क्राइम कंट्रोल को पुलिस ने बदली रणनीति : क्राइम कंट्रोल के लिये बिहार पुलिस ने अपनी रणनीति बदल दी है. शीर्ष पुलिस अधिकारी अपराध की बड़ी घटनाओं में 48 घंटे में रिपोर्ट ले रहे हैं. छोटे- छोटे मामलों में त्वरित कार्रवाई की जा रही है. एडीजी मुख्यालय एसके सिंघल ने बताया कि पुलिस ने अक्टूबर से अपनी रणनीति बदली तो उसके सार्थक परिणाम आये. अपराधियों की गिरफ्तारी के लिये थानों को टारगेट दिया गया. इसका असर भी दिखा है. पांच महीने में विभिन्न मामलों में 80 हजार 405 को जेल भेजा गया है.
भागलपुर मामले में दूसरे वारंट का इंतजार
पटना. भागलपुर मे हिंदू नववर्ष को लेकर निकाली गयी शोभायात्रा के दौरान हुए उपद्रव मामले में पुलिस अपने पुराने स्टैंड पर ही काम कर रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के पुत्र व भाजपा नेता अर्जित शाश्वत चौबे पर कार्रवाई के सवाल पर एडीजी मुख्यालय एसके सिंघल ने बताया कि पुलिस को आरोपी के खिलाफ एक मामले में वारंट मिल गया है. दूसरे मामले में वारंट का इंतजार किया जा रहा है. कार्रवाई कानून के अनुसार हो रही है.
हत्या व उत्पीड़न में सर्वाधिक को जेल
पटना : राज्य में पुलिस ने हत्या और महिला उत्पीड़न के मामलों में सबसे अधिक लोगों को जेल भेजा. अक्टूबर 17 से 21 मार्च 18 तक हत्या में 1714, और महिला उत्पीड़न में 1712 को जेल भेजा. डकैती में 355, लूट में 788, फिरौती के लिये अपहरण 124, गंभीर दंगा में 431 तथा एससीएसटी एक्ट में 880 आरोपियों को जेल भेजा. अन्य मामलों में 74401 आरोपियों को जेल भेजा गया.

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