पटना : पटना हाईकोर्ट में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से पूछा कि क्यों नहीं टीईटी परीक्षा में की गयी गड़बड़ी की जांच राज्य के निगरानी ब्यूरो से करायी जाये. न्यायाधीश डॉक्टर अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह जानकारी मांगी है. अदालत ने परीक्षा समिति के टाल मटोल रवैये पर भी गहरी नाराजगी जाहिर की.
अदालत को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार द्वारा बताया गया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा वर्ष 2017 में टीईटी परीक्षा का आयोजन किया गया था. इस परीक्षा में जो प्रश्न पूछे गये थे उसमें 28 प्रश्न और उसके उत्तर गलत थे. परीक्षाफल प्रकाशित होने के बाद छात्रों ने अपने कॉपी की स्कूटनी और ओएमआर शीट देखने के लिए निर्धारित शुल्क समिति कार्यालय में जमा किया.
करीब पांच माह गुजर जाने के बाद भी परीक्षा समिति द्वारा इन छात्रों के आवेदन पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गयी. याचिकाकर्ता का कहना था कि परीक्षा समिति द्वारा जो कट ऑफ मार्क्स निर्धारित किया गया था प्रश्न पत्र गलती होने के बाद उसे कम करना चाहिए था, लेकिन बोर्ड ने ऐसा नहीं किया.