पटना: पटना हाइकोर्ट ने आवासीय कॉलोनी में अस्पताल खोलने और शिकायत मिलने पर आवास का आवंटन रद्द करने के मामले में बिहार राज्य आवास बोर्ड के एमडी को हाजिर होने को कहा है.
आठ जुलाई को इसके लिए तारीख निश्चित की गयी है. न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा व पीके झा के खंडपीठ ने यह आदेश जारी किया. कोर्ट ने एमडी के कामकाज पर भी टिप्पणी की. कहा, हमारे कंधे पर बंदूक रख कर अपना काम चला रहे हैं. कोर्ट ने एमडी को उपस्थित होकर पूरी जानकारी देने को कहा. याचिका के मुताबिक, कंकड़बाग स्थित आवास बोर्ड के एमआइजी फ्लैट नंबर 100 के आवंटी द्वारा आधी जगह पर एक अस्पताल खोलने की जानकारी कोर्ट को दी गयी थी.
कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान आवास बोर्ड से इस संबंध में जानकारी मांगी थी. इस पर बोर्ड ने कार्रवाई की जगह आवंटी का आवंटन ही रद्द कर दिया. कोर्ट ने इस पर गहरी नाराजगी जाहिर की. इस मामले की सुनवाई के दौरान पटना नगर निगम और अन्य की ओर से शपथपत्र दायर किये गये थे. कोर्ट किसी भी शपथ पत्र को सुनने को तैयार नहीं हुआ. इस मामले की जांच निगरानी से भी कराये जाने का निर्देश कोर्ट ने दिया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि आप अब तक सोये हुए थे.
गलत प्रश्नों की जांच कराये बोर्ड
पटना हाइकोर्ट ने बिहार प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा बोर्ड को मेडिकल की पीजी परीक्षा में पूछे गये गलत सवालों की जांच विशेषज्ञों से कराने का निर्देश दिया है. बोर्ड ने परीक्षा में पूछे गये गलत सवालों की जांच न कराने को लेकर एक याचिका दायर की थी, जिसे हाइकोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दिया. हाइकोर्ट ने बोर्ड से कहा कि 15 मई को इसकी जांच रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करे. मामला बिहार के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में पीजी नामांकन के लिए आयोजित परीक्षा में पूछे गये आठ गलत सवालों का है. गलत सवालों के जवाब पर भी अभ्यर्थियों को अंक दिये गये हैं. इस मामले में मेडिकल छात्र नीतीश कुमार ने पटना हाइकोर्ट में चुनौती दी है. नीतीश कुमार का कहना है कि गलत सवालों पर अंक दिये जाने के कारण उसकी रैंकिंग नीचे हो गयी है. हाइकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए इसकी जांच विशेषज्ञों से कराने का आदेश दिया था. इस पर बोर्ड ने हाइकोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा कि ्रपीजी में 90 प्रतिशत छात्रों का नामांकन हो चुका है. ऐसे में नामांकन की पूरी प्रक्रिया के बेपटरी होने की आशंका है. न्यायमूर्ति जेएन सिंह ने बोर्ड की याचिका को खारिज करते हुए हर हाल में 15 मई को जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है.