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बिहार बजट 2018 एक्सपर्ट व्‍यू : होगी तरक्की, आयेगी खुशहाली

II सुरेश रूंगटा II आर्थिक मामलों के जानकार करीब दशक भर पहले बिहार का बजट मात्र 20-22 हजार करोड़ रुपये ही था. अब इसका आकार कई गुना बढ़ा है. यह सुखद है.बिहार के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बेहतर बजट पेश कर प्रदेश के विकास का रास्ता खोला है. वित्तीय वर्ष 2018-19 […]

II सुरेश रूंगटा II
आर्थिक मामलों के जानकार
करीब दशक भर पहले बिहार का बजट मात्र 20-22 हजार करोड़ रुपये ही था. अब इसका आकार कई गुना बढ़ा है. यह सुखद है.बिहार के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बेहतर बजट पेश कर प्रदेश के विकास का रास्ता खोला है. वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट एक लाख 76 हजार 990 करोड़ का है, जो पिछले साल के बजट से अधिक है. पिछले साल का बजट एक लाख 60 हजार करोड़ रुपये था.
मालूम हो कि करीब दशक भर पहले बिहार का बजट मात्र 20-22 हजार करोड़ रुपये ही था. अब इसका आकार कई गुना बढ़ा है. यह सुखद है. तरक्की का रास्ता प्रशस्त होगा और खुशहाली आयेगी. एनडीए की सरकार ने प्रदेश के विकास के लिए संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का काम किया है. आगामी वित्त वर्ष के बजट में शिक्षा पर सबसे अधिक जोर दिया गया है. 32,125 करोड़ रुपये का आवंटन कर सरकार ने शिक्षा के प्रति अपनी गंभीरता को जाहिर किया है.
अब गरीबों को अपने इलाज के लिये अपनी जमीन नहीं बेचनी पड़ेगी. सरकार ने 7793 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इससे साफ है कि सरकार आधारभूत सुविधा के लिए काफी सोच रही है.
आम आदमी की सरकार चिंता कर रही है. प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में आई बैंक की स्थापना कर प्रदेश के दृष्टिहिनों की जिंदगी को रोशन करने की व्यवस्था भी सरकार कर रही है.
यातायात को सुगम बनाने के लिये भी सड़कों के निर्माण पर 17 हजार करोड़ रुपये एवं राज्य में पर्याप्त बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये करीब 10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
इससे औद्योगिक विकास को गति मिलेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि बिहार के विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं है.
यह बात इस बात का द्योतक है कि केंद्र की सरकार प्रदेश के विकास के लिये कृतसंकल्पित है. इसका प्रमाण भी वर्तमान वित्तीय वर्ष के विकास की दर से परिलक्षित है. इसका प्रमाण भी वित्तीय वर्ष के विकास की दर से जाहिर होता है.
बढ़ी है िवकास की दर
वित्तीय वर्ष 2015-16 में बिहार में विकास की दर 7.5 प्रतिशत थी, वह पुन: इस वर्ष बढ़कर दो अंकों में यानी 10.30 प्रतिशत पर आ गयी है. यह राष्ट्रीय औसत सात प्रतिशत से ज्यादा है. पिछले कुछ वर्षों से बिहार में कृषि की विकास दर जहां निगेटिव चल रही थी, वह केंद्र सरकार के विशेष सहयोग के कारण वर्तमान वित्तीय वर्ष में बढ़ कर 6.9 प्रतिशत हो गयी है. कृषि क्षेत्र में विकास की राष्ट्रीय औसत दर 4.9 प्रतिशत है.
आम आदमी की सरकार चिंता कर रही है. प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में आई बैंक की स्थापना कर प्रदेश के दृष्टिहीनों की जिंदगी को रोशन करने की व्यवस्था भी सरकार कर रही है. यातायात को सुगम बनाने के लिये भी सड़कों के निर्माण पर राज्य सरकार की ओर से िवशेष जोर दिया जा रहा है.

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