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बिहार : और गंदा हो गया अपना शहर सर्वे में एक पायदान नीचे गिरा
पटना : भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता सर्वेक्षण का आयोजन किया है. स्वच्छता सर्वेक्षण में पटना की रैंकिंग पिछड़ रहा है. दस दिनों पहले तक पटना का स्थान 40वें स्थान पर था, जो अब 41वें स्थान पर पहुंच गया है. इसका वजह है कि शहरवासियों का फीडबैक अच्छा नहीं है. स्वच्छता एप पर […]
पटना : भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता सर्वेक्षण का आयोजन किया है. स्वच्छता सर्वेक्षण में पटना की रैंकिंग पिछड़ रहा है. दस दिनों पहले तक पटना का स्थान 40वें स्थान पर था, जो अब 41वें स्थान पर पहुंच गया है.
इसका वजह है कि शहरवासियों का फीडबैक अच्छा नहीं है. स्वच्छता एप पर हजारों की संख्या में शहरवासी अपने-अपने क्षेत्र से जुड़े शिकायतों को फोटो के साथ अपलोड किया है, लेकिन निगम अधिकारी इन शिकायतों को निष्पादन करने में सुस्त है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार के स्वच्छ सिटी डायसबोर्ड के अनुसार 4600 अंकों के साथ 39 रैंक पर पूर्वी दिल्ली है. वहीं, अमृतसर 3740 अंकों के साथ 40 वें स्थान पर पहुंच गया है और पटना 3331 अंकों के साथ 41वें और 42 वें स्थान पर लुधियाना आ गया है.
77 सौ लोगों ने डाउनलोड किया है स्वच्छता एप : पटना शहर की आबादी 16 लाख से अधिक है, लेकिन सिर्फ 7679 लोगों ने अब तक स्वच्छता एप डाउनलोड किया है. इसमें 1988 लोगों ने अपने-अपने क्षेत्र की शिकायत दर्ज की है. लेकिन, निगम प्रशासन ने अब तक सिर्फ 810 शिकायतें ही निष्पादन किया है. इतना ही नहीं, निगम प्रशासन ने 771 शिकायतों का निष्पादन निर्धारित समय सीमा के बाद किया है. इससे यूजर संतुष्टि सिर्फ 40 होने से पटना स्वच्छता रैंकिंग में बढ़ने के बजाय पिछड़ रहा है.
किये जा रहे प्रयास साबित हो रहे हैं सुस्त
पटना : स्मार्ट पटना में नागरिक सुविधाओं का बेहद अभाव है. शहर के अधिकतर बड़े चौराहों के लेफ्ट या राइट टर्न खुले टाॅयलेट में बदल चुके हैं. मजेदार बात यह है कि शहर की स्वच्छता रैकिंग को लेकर समूची सरकारी मशीनरी दिन-रात एक किये हुए है. हालांकि इस बार स्वच्छता का आकलन करने आ रही टीम अभी तक नहीं पहुंच सकी है. शहर में हर ओर गंदगी की ढेर लगा हुआ है. निगम क्षेत्र के सबसे व्यस्त चौराहों में से एक है
पटना जंक्शन गोलंबर, जहां बाहरी लोगों के साथ-साथ शहरवासियों का अाना-जाना रहता है. लेकिन, इस चौराहे पर एक भी पब्लिक यूरिनल नहीं है. यही स्थिति पटना जंक्शन गोलंबर, बोरिंग रोड चौराहा, आर ब्लॉक चौराहा, गांधी मैदान के चारों ओर, खेतान मार्केट के आस-पास, आयकर गोलंबर, बोरिंग कैनाल रोड, बुद्ध मार्ग आदि सड़कों की भी है. ये वे इलाके हैं, जहां लोग खुले में पेशाब करते हैं, लेकिन निगम प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं है.
स्वच्छता सर्वेक्षण में निगम की बेहतर रैंकिंग हो, इसको लेकर वार्ड स्तर पर पार्षदों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. पिछले दिनों की तुलना में बेहतर सफाई व्यवस्था की गयी है, लेकिन और बेहतर करने की कोशिश की जा रही है. शौचालय निर्माण की गति को और तेज किया जायेगा.
सीता साहू, मेयर, पटना नगर निगम
दावे से अलग है हकीकत
नगरीय प्रशासन के तमाम अफसरों का दावा है कि पिछले तीन माह से शौचालय निर्माण, शहरों की साफ-सफाई, पब्लिक से मिलने वाली शिकायतों के तत्काल निष्पादन और कचरा प्रबंधन पर विशेष जोर दिया जा रहा है. लेकिन, निगम क्षेत्र के सार्वजनिक स्थलों पर एक भी सार्वजनिक शौचालय या पानी की व्यवस्था नहीं की जा सकी है. स्थिति यह है कि शिकायतों का भी समय पर निष्पादन नहीं हो रहा है.
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