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बिहार : दरधा नदी पर 3 करोड़ का पुल, एक माह में निकली लागत, फिर भी 12 वर्षों से वसूला जा रहा है टोल टैक्स
मसौढ़ी : पटना-गया (एसएच-01) मार्ग के धनरूआ स्थित कोल्हाचक दरधा नदी पर निर्मित जिस पुल के निर्माण में तीन करोड़ की लागत आयी थी, उस लागत की वसूली तो टोल टैक्स के रूप में एक महीने में ही हो चुकी है. इस पुल से हर दिन पांच हजार छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं और इन वाहनों […]
मसौढ़ी : पटना-गया (एसएच-01) मार्ग के धनरूआ स्थित कोल्हाचक दरधा नदी पर निर्मित जिस पुल के निर्माण में तीन करोड़ की लागत आयी थी, उस लागत की वसूली तो टोल टैक्स के रूप में एक महीने में ही हो चुकी है. इस पुल से हर दिन पांच हजार छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं और इन वाहनों से टोल टैक्स के रूप प्रतिदिन साढ़े सात लाख रुपये वसूले जाते हैं.
12 वर्षों से इस पुल पर बदस्तूर टोल टैक्स की वसूली हो रही है और हर महीने पर पुल की कीमत निकल रही है. पटना-गया (एसएच-01) मार्ग के धनरूआ स्थित कोल्हाचक दरधा नदी पर निर्मित इस पुल का उद्घाटन हुए 12 साल होने जा रहे हैं. इतने वर्षों से हो रही वसूली से वाहन चालकों व लोगों में भी यह चर्चा का विषय बन गया है कि पुल निर्माण में आयी लागत, तो सरकार हर महीने पर वसूल कर रही है.
गौरतलब है कि वर्ष 2014 के 14 अगस्त को केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में सदस्यों के सवालों पर प्रश्नकाल में जवाब दिया था कि निर्माण लागत की एक बार वसूली हो जाने के बाद ऐसे मार्गों से गुजरने वाले वाहनों से कोई टोल टैक्स वसूल नहीं किया जायेगा.
प्रतिदिन वसूले जाते हैं साढ़े सात लाख रुपये
पुल निर्माण के बाद 20 दिसंबर 2006 को तत्कालीन विधायक पूनम देवी की उपस्थिति में पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने उक्त पुल का उद्घाटन किया था. उद्घाटन के कुछ माह बाद से ही उक्त पुल पर टोल टैक्स लिया जा रहा है.
सिर्फ बीते दो वर्ष निविदा नीलामी की राशि अधिक होने की वजह से कोई भी निविदा नहीं ले पाया और पुल पर किसी भी वाहनों से टोल टैक्स नहीं लिया गया. शुरू के वर्ष में पुल निर्माण निगम ने करीब एक करोड़ से कुछ अधिक की राशि में टोल टैक्स वसूली के लिए निविदा दी गयी थी. इसके बाद से न्यूनतम दस प्रतिशत की राशि बढ़ा उक्त निविदा एक ही व्यक्ति को मिलती रही जो आज तक जारी है.
निविदा लेने में कागज पर नाम की केवल हेराफेरी होता रहा, लेकिन संचालन एक ही व्यक्ति के द्वारा किया जा रहा है .उक्त पुल निर्माण में उस वक्त करीब तीन करोड़ की लागत आयी थी.
हालांकि, यह आंकड़ा आधिकारिक नहीं है .इसके निर्माण में करीब दो वर्ष का समय लगा था और 2005 के विधानसभा चुनाव में इस पुल का मुद्दा उस वक्त पक्ष व विपक्ष के द्वारा जोर-शोर से उठाया गया था .
प्रतिदिन पांच हजार वाहन गुजरते हैं पुल से
गौरीचक पुलिस के अनुसार इस पुल से हर रोज पांच हजार छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं. पटना-गया मुख्य मार्ग होने से पटना व गया के लिए हजारों वाहन 24 घंटे आते-जाते हैं. इस मार्ग से दक्षिण व उत्तर बिहार के लिए भी हजारांे वाहन आते-जाते हैं. इन वाहनों से करीब साढ़े सात लाख रुपये हर दिन वसूले जा रहे हैं.
टोल टैक्स के रूप में ली जाने वाली राशि
12 चक्का या उससे अधिक के बहुधुरिये वाहन प्रति खेप 120 रुपये
बस, ट्रक या भारी मशीन या अर्थ भूमिंग मशीनरीज (डोंगर) प्रति खेप 60 रुपये
मिनी बस, मिनी ट्रक, टाटा 407, वैन प्रति खेप 40 रुपये
टेंपो (6 सवारी) या कार-जीप, टैक्सी खाली-भरा 20 रुपये
प्राइवेट कार-जीप, मारुति खाली-भरा प्रति खेप 10 रुपये
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